भाजपा में मामा ने मामा की चिंता बढ़ाई

राजनीतिक हलचल-२०१८ विधानसभा चुनाव की तैयारी में भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस, बसपा, गोंगपा सहित जब अन्य सभी पार्टियां जब जुट चुकी हैं तो जाहिर है कि सभी दलों के लोग राजनीति ही करेंगे, घास नहीं छीलेगें। संगठन की मजबूती के प्रयास होंगे, कार्यकर्ताओं को सक्रिय किया जाएगा, मतदाताओं को लुभाने,खुश करने की तमाम कोशिश होगी। ऐसा लगभग हर चुनाव मे होता है ,अब भी हो रहा है, आईंदा भी होता रहेगा। सरकार बनाने के लिये, सत्ता मे काबिज होने के लिये विकास के दावे होंगे, जाति -- धर्म के पांसे फेके जाएगें, मतलब निकालने के लिये घोडों के साथ गधों -- खच्चरों को अपना बाप बनाया ,बताया जाएगा। ऐसा अब तक होता रहा है, होता रहा होगा। समय बदला है,लोगों की आवश्यकताएं,मानसिकता बदल रही है। अब न तो गरीबी हटाओ के नारे के नाम पर लोगों को बहलाया जा सकता है,न ही सडक- बिजली - पानी ही मात्र लोगों की मूलभूत आवश्यकता रह गयी है।
      ऐसे में विजयपुर विधानसभा में एक मामा ने दूसरे मामा की चिंताएं बढ़ा दी है । आपने ठीक पहचाना हम बात कर रहे हैं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जो कि प्रदेश की साढ़े आठ करोड़ जनता के मामा हैं और इन दिनों विजयपुर विधानसभा क्षेत्र में विष्णु प्रसाद धाकड़ जो कि क्षेत्र में मामा के ही नाम से जाने जाते हैं । क्या छोटे, क्या बड़े हर कोई 30 वर्षीय युवा को को मामा के नाम से पुकारते हैं ।
   इस समय विष्णु मामा सूबे की राजनीति के लिए शिवराज मामा से जुगाड़ बिठा रहे हैं । यानी मामा विधानसभा जाना चाहते हैं इसके लिए वे वर्षों से क्षेत्र की आदिवासी समुदाय के लोगों के साथ साथ हर जाति और वर्ग के लोगों की समस्याओं को बड़ी गंभीरता से शासन और प्रशासन के सामने उठाते रहे हैं । वर्तमान में विष्णु मामा भारतीय जनता पार्टी के पिछड़े वर्ग प्रकोष्ठ में प्रदेश कार्य समिति सदस्य हैं ।। मामा ने दूसरे मामा की चिंता उस समय बड़ा दी थी जिस समय विष्णु मामा हज़ारों किसानों के साथ पैदल ही सीएम हाउस के लिए भोपाल कूच कर गए थे और शासन और प्रशासन के दबाव के बाद भी रुके नहीं । उन्होंने बेवाकी से जनता की माँग को सीएम मामा के सामने रखी जिसे सरकार ने आश्वासन के साथ पूरा करने को कहा ।
   खबर है कि सीएम के सेसई ( श्योपुर ) प्रवास के समय करीब सौ गाँव ऐसे बताए जिनमे आज भी लोग एक किरण के मोहताज है । विष्णु मामा ने ये बयान देकर शिवराज मामा की चिंता बड़ा दी है कि पार्टी टिकिट दे या न दे वे विधानसभा चुनाव लड़ेंगे । पूर्व में विष्णु मामा जिला पंचायत चुनाव में मात्र हज़ार मतों से चुनाव हारे थे ।

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