शिक्षा से ही जीवन का निर्माण, निर्वाण और निर्वहन संभव : मुनि श्री समता सागर जी बागीदौरा के आचार्य विद्यासागर संयम भवन में धर्मसभा में मुनि श्री ने जीवन में शिक्षा का महत्व बताया

अभिषेक जैन बागीदौरा-कस्बे के आचार्य विद्यासागर संयम भवन में रविवार को धर्मसभा में मुनि श्री समता सागर जी महाराज ने जीवन में शिक्षा का महत्व बताते हुए कहा कि शिक्षा से ही जीवन का निर्माण, निर्वहन होने के साथ साथ जीवन का निर्वाण होता है। शिक्षा के बिना जीवन अंधकारमय हो जाता है। शिक्षा के जरिए ही मानवीय मूल्यों का विकास होता है। शिक्षा जन्म से लेकर जीवन पर्यन्त मनुष्य को सिंचित कर इंसान बनाने में महती भूमिका अदा करती है।
ऐलक श्री निश्चय सागरजी महाराज ने भी शिक्षा के मूल्यों और वर्तमान में प्रासंगिकता पर बल दिया और कहा कि शिक्षा एक व्यक्ति को अपनी क्षमता की पहचान करने में सहायक होती है। साथ ही परिवार, समुदाय, राज्य को बड़े स्तर पर ले जाने में मानव समाज के हर स्तर पर शिक्षा का महत्व जरूरी है।
चातुर्मास समिति अध्यक्ष ने बताया कि कार्यक्रम में बागीदौरा विधायक महेंद्रजीत सिंह मालवीया ने मुनि को श्रीफल भेंटकर आशीर्वाद लिया। मालवीया ने कहा कि वागड़ की धरा पुण्यशाली है, जहां हर साल संतों का आगमन होता है। साथ ही हर साल आध्यात्म की धारा बहती है।

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