अभिषेक जैन -भोपाल में पुराना शहर स्थित दिगंबर जैन धर्मशाला में धार्मिक अनुष्ठानों के बीच गुरुवार को आचार्य विद्यासागर महाराज के महाकाव्य मूकमाटी की व्याख्या मुनिश्री विद्यासागर महाराज ने की। आचार्यश्री के ग्रंथ की व्याख्या के माध्यम से मुनिश्री ने श्रद्धालुओं को जीवन दर्शन और उसके तत्वों का भान कराने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि माटी का ह्रदय विशाल है। हम उसे रौंदते हैं, पर अंत में वह हमें माफ कर समाहित कर लेती है। वर्तमान में समाज के उच्च पदों पर बैठे हुए तमाम लोग निराश्रित वर्ग का शोषण कर उन्हें रौंद रहे हैं। यह वर्ग मूक माटी जैसा ही तो है। माटी कहती है मैं सुख से रहित, दुख में डूबी, तिरस्कृत हूं पर अपने माटी धर्म को निभाती हूं। मुनिश्री ने कहा कि माटी के गुणों से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए।
संकलन अभिषेक जैन लुहाडिया रामगंजमंडी
मूकमाटी के माध्यम से बताये मुनि श्री ने जीवन के तत्व-मुनि श्री विद्या सागर
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Friday, August 03, 2018
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