बुराइयां, पाप, पैसा छोड़ेंगे तो जीवन में निखार आ जाएगा -मुनि श्री प्रमाण सागर

अभिषेक जैन रतलाम-बुराइयां, पाप, पैसा जोड़ते रहोगे तो बर्बाद होंगे, छोड़ेंगे तो जीवन मे निखार आएगा। मनुष्य की धन जोड़ने कि चाहत वासना से ज्यादा है। वह मरते दम तक धन जोड़ने कि कोशिश करता है लेकिन इसका अंत क्या है। संग्रह की बात मत सोचो जिस तरह नदियां अपने पास कुछ नहीं रखती इसलिए उसका पानी मीठा होता है लेकिन समुद्र अपने पास सभी नदियों का पानी रखता है इसीलिए वह खारा है।
यह बात आचार्य श्री विद्यासागरजी के शिष्य मुनि श्री 108 प्रमाण सागर जी ने लोकेंद्र भवन में कही। उन्होंने कहा बादलों में जब पानी भरा होता है तो वह बादल काले दिखाई देते हैं। जब वे पानी छोड़ देते है तो बादल सफेद हो जाते है ऐसे में मनुष्य को अपना आंकलन करना चाहिए की उसे कैसा बादल बनना है। जिस अनुपात से कमाते हो उसी मनोभाव से लगाने का मन रखो, जोड़ना बुरा नहीं लेकिन जोड़े रखना बुरा है। धन अर्जित कर सही कार्यों मे लगातार विसर्जित करे।

लाेकेंद्र भवन में उपस्थित मुनि श्री  प्रमाणसागरजी महाराज व श्रद्धालु।
    संकलन अभिषेक जैन लुहाडिया रामगंजमंडी

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