लो-अब शौचालय बना तलाक का कारण -16 प्रकरणों में से 6 में हुआ राजीनामा 

शिवपुरी। स्थानीय पुलिस कंट्रोल रूम में रविवार को आयोजित परिवार परामर्श केन्द्र के शिविर में कुल 16 प्रकरण प्रस्तुत किये गए। जिनमें 7 प्रकरणों में केवल एक पक्ष उपस्थित हुआ वहीं 01 प्रकरण में  पारामर्श हेतु आगामी दिनांक को पुन: बुलाया गया। दो प्रकरणों में महिला पुलिस थाने को कार्यवाही हेतु वापिस भेजे गए और इस प्रकार कुल 6 प्रकरणों में राजीनामा हुआ। 


आईजी अंशुमन यादव के कुशल मार्गदर्शन और शिवपुरी पुलिस कप्तान राजेश हिंगणकर के निर्देशन में लगातार चलाए जा रहे शिविरों में  आपसी समझौतों कराकर परिवारों को टूटने से बचाने का अनुकर्णीय काम जिला पुलिस परिवार परामर्श केन्द्र के द्वारा किया जा रहा है और स्वयं पुलिस अधीक्षक राजेशहिंगणकर  इस में व्यक्तिगत रूचि ले रहे हैं और चलित थानों में भी वे परिवार परामर्श करके बिछड़े हुए दम्पत्तियों को मिलाने का कार्य कर रहे हैं। जिला पुलिस परिवार परामर्श केन्द्र के शिविर में परामर्शदाताओं के प्रयास और पारिवारिक समझाइश से 6 बिछड़े परिवारों में सुलह कराई गई। 

सबसे रोचक प्रकरण इस साल की सबसे सुपरहिट फिल्म टॉयलेट एक प्रेम कथा पर आधारित था। जिसमें घर में शौचालय नहीं होना तलाक का कारण बन गया था। शिवपुरी की टोगरा रोड़ निवासी राजो का विवाह 4 माह पहले लुधावली निवासी हरि के साथ संपन्न हुआ था और विगत तीन माह से उक्त युवति अपने मायके रह रही थी। इनके बीच विवाद का विषय पारिवारिक क्लेश तो था ही साथ ही, शौचालय सुविधा न होना भी एक अहम कारण था। इसी के चलते वह मायके रह रही थी और पति-पत्नि के बीच बिछोह के हालात निर्मित हो गए थे। काउन्सलरों ने जब गहराई से जाकर पता किया तो मालूम चला कि पति ने शौचालय बनबाने हेतु सभी आवश्यक कागजात बनबाए ही नहीं है जिसके कारण वह शौचालय बनबाने की योजना का लाभ भी नहीं ले पाया। परामर्श केन्द्र के काउन्सलरों के द्वारा समझाईश देने पर दोनों पति-पत्नि के बीच मनभेद दूर हुआ और पति ने अति शीघ्र शौंचालय बनबाने का बचन  दिया और शौचालय बनबाने हेतु सभी आवश्यक कागजात पूर्ति करने के लिए कहा। इस केस को परामर्श दे रहे काउन्सलर भरत अग्रवाल ने  पति से कहा कि यदि जरूरी कागजात बनबाने में किसी भी मदद की आवश्यकता पड़े तो वे मदद के लिए तैयार हैं।

एक अन्य प्रकरण में पिछोर निवासी रमादेवी का विवाह सिरसौद निवासी रामेन्द्र के साथ दो वर्ष पूर्व हुआ था। जहां युवती एम.ए, बीएड हैं वहीं युवक बी फार्मा डिग्री होल्डर होकर स्वयं का मेडीकल स्टोर संचालित करता है। इनके बीच विवाद का विषय युवक के द्वारा शराब पीना और देर से घर लौटना था। इसके कारण उक्त युवती मायके में रह रही थी। काउन्सलरों के द्वारा समझाईश दिए जाने पर पति ने शराब न पीने का भरोसा दिलाया और अपनी पत्नि का ख्याल रखने की बात कहीं और अपनी पत्नि को साथ घर ले गया। इसी तरह श्योपुर निवासी रामस्वरूप का विवाह बिनैगा निवासी कमला के साथ हुआ था पेशे से पति जेसीबी मशीन चलाता है और पारिवारिक कलह की बजह से उक्त युवती लम्बे समय से मायके रह रही थी। काउन्सलरों की समझाईश के बाद इन दोनों में भी राजीनामा हो गया। ठीक इसी तरह एक अन्य प्रकरण में पुरानी शिवपुरी निवासी असगर का विवाह नरवर निवासी शवीना बानो के साथ हुआ था विवाह के बाद से ही पति हैदराबाद में काम करने के कारण पत्नि को अपने साथ नहीं रखता था। इसके चलते इनके बीच में विवाद था। काउन्सलरों की समझाईश के बाद अब इन दोनों में राजीनामा हो गया और पति पत्नि को अब अपने साथ हैदरवाद में ही रखेगा।  

इस शिविर में एडिशनल एसपी गजेन्द्र कंवर, जिला संयोजक आलोक एम इंदौरिया, कन्ट्रोल रूम प्रभारी एसआई जितेन्द्र शाक्य, महिला सैल प्रभारी प्रियंका पाराशर, संतोष शिवहरे, राजेन्द्र राठौर, सुरेशचन्द्र जैन, भरत अग्रवाल, राकेश शर्मा,   डॉ. विजय खन्ना, डॉ. इकबाल खान, समीर गांधी, उमा मिश्रा, पुष्पा खरे, आनंदिता गांधी, नम्रता गर्ग, प्रीति जैन, मृदुला राठी, डॉ. खुशी खान, गुंजन खैमरिया, सहित महिला सेल का स्टाफ मौजूद था। 

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