भोपाल। केंद्र सरकार द्वारा जो संसोधन एससी एसटी एक्ट में किया गया।उसके बाद देश मे व्यापक विरोध शुरू हो गया और विरोध ने धीरे धीरे आंदोलन का रूप धारण कर भारत बंद का ऐलान 6 सितंबर को देश भर में कर दिया। इस विरोध का सामना विधायक ,सांसद, मंत्रियो से लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को भी करना पड़ा,इस विरोध के कारण शिवराज सरकार की नींद उड़ा दी है। जानकारी मिली है कि मध्यप्रदेश के 45 जिलों इस एक्ट को लेकर भारी विरोध है इस विरोध को देखते हुए पूरे मध्यप्रदेश को अलर्ट जारी कर दी गया है एव अतिरिक्त बल भी तैनात किया जाएगा।
पुलिस मुख्यालय ने निर्देश जारी कर दिए हैं। इस बंद का सपाक्स के साथ 35 संगठनों ने समर्थन किया है। इस इनपुट के बाद PHQ ने सभी संभागों में अतिरिक्त पुलिस फोर्स मुहैया करा दिया है। शिवपुरी सहित कई जगहों पर धारा 144 लागू कर दी गई है
पुलिस मुख्यालय ने निर्देश जारी कर दिए हैं। इस बंद का सपाक्स के साथ 35 संगठनों ने समर्थन किया है। इस इनपुट के बाद PHQ ने सभी संभागों में अतिरिक्त पुलिस फोर्स मुहैया करा दिया है। शिवपुरी सहित कई जगहों पर धारा 144 लागू कर दी गई है
एससी-एसटी एक्ट और जातिगत आधार पर आरक्षण के ख़िलाफ मध्यप्रदेश में तेज़ी से माहौल बनने लगा है। सवर्णों की तरफ से छह सितंबर को बंद की घोषणा की गई है। प्रदेश के कई जिलों में बंद के समर्थन में उतरे संगठनों ने प्रदर्शन और रैली करने के लिए प्रशासन से अनुमति मांगी है। सोशल मीडिया पर भी बंद का तेज़ी से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। ये बंद राजनीतिक हिसाब से इसलिए भी मायने रखता है, क्योंकि कई नेताओं का विरोध एससी-एसटी एक्ट और जातिगत आधार पर आरक्षण को लेकर शुरू हो गया है।
प्रदेश के ग्वालियर, चंबल, शिवपुरी,श्योपुर,उज्जैन, कटनी, सतना, जबलपुर, सीधी, रीवा, हरदा, विदिश, सागर, टीकमगढ़ सहित 45 जिलों में सपाक्स ने सवर्णों के दूसरे संगठनों के साथ बैठक की। संगठनों ने व्यापारी संगठनों से समर्थन मांगा है। सपाक्स की सक्रियता के कारण नेताओं में खलबली माच गई है इस प्रदेश से लेकर दिल्ली तक टेंशन का माहौल है। भोपाल,देवास के एक गांव में तो बैनर लगाकर लिख दिया गया कि ये सवर्णों का गांव है। इस गांव में वोट मांगकर सर्मिदा न करे ।
सवर्णों के बंद के बीच सीएम की जनआशीर्वाद यात्रा में पथराव की घटना को लेकर भी पुलिस मुख्यालय सतर्क है। पुलिस मुख्यालय ने सभी एसपी को स्थानीय स्तर पर विधायकों, सांसदों और मंत्रियों की सुरक्षा व्यवस्था पुख़्ता करने के लिए कहा है।
इंटरनेट सेवा भी बन्द हो सकती है- 6 सितंबर को भारत बंद को लेकर प्रशासन द्वारा व्यापक तैयारी कर ली है एससी,एसटी एक्ट के विरोध में बंद के चलते यदि आंदोलन व्यापक हो गया और इंटरनेट सेवा को बंद करने की जरूरत पड़ी तो बंद कर सकते है।
