साधना,तप,आत्म कल्याण का जैन धर्म का महापर्व आज से शुरू

हितेश जैन/राहुल जैन पोहरी - देश भर में जैन समाज के पर्युषण पर्व आज से प्रारम्भ हो रहे है  है  10 दिनों  तक श्रावक धर्म साधना के रूप में उपवास ओर तप करता है और अपने आत्म कल्याण की भावना भाते ही पूजा पाठ करता है जैन समाज द्वारा इन महा पर्वो में साधना करके अपने जीवन के कल्याण की भावना बही जाती है पहले हम जान ले कि पयुर्षण क्या है एक अच्छा किसान जैसे वर्षा के पूर्व अपने खेत को बीज बोने लायक बना लेता है वैसे ही एक धार्मिक अपने आत्मा के खेत को पर्युषण का बीज बोने लायक बना लेता है पर्युषण पर्व नहीं, महापर्व है यह सामान्य त्यौहारों की तरह आता है किन्तु यह आत्मशुद्धि का पर्व हैइसलिए महापर्व है
  प्रेस को जारी विज्ञप्ति में  योगेन्द्र जैन पत्रकार ने बताया कि हर साल भाद्रपद मास शुल्क पक्ष पंचमी से प्रारंभ होकर अननत चतुर्थी तक चलते यहां पर्व चलते है  यह महा पर्व 10 दिन के होंगे पोहरी जैन समाज द्वारा  प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी  श्री 1008 आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर पर इन महा पर्वो में  प्रतिदिन अभिषेक शांतिधारा व पूजन भक्तो द्वारा भक्ति भाव से की जाएगी,शाम को श्री जिनेन्द्र देव् की महा आरती की जाएगी आज दसलक्षण महा पर्व का पहला दिन उत्तम क्षमा का दिन है उत्तम क्षमा क्या है इसके बारे में जैन धर्म के पर्वो से ही जाना जा सकता है उत्तम क्षमा के बारे में आचार्यो ने लिखा कि जिस प्रकार जल अग्नि को शांत कर देता है, उसी प्रकार क्षमा रूपी जल भी क्रोध रूपी अग्नि को शांत कर देता है  क्षमा  मांगने से कोई छोटा नही होता क्षमा मांगने से मन को शांति मिलती

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