राजनीतिक हलचल-इस समय हर रोज नए नए गणित आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर लगाए जा रहे हैं । कोई भी दल किसी भी प्रकार का जोखिम उठाने से कतरा रहा है इसके लिए चाणक्य नीति का प्रयोग कर रहे । मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस नई रणनीति पर काम कर रही है ।. एक तरफ जहां वह गठजोड़ पर जोर दे रही है, वहीं ऐसे उम्मीदवारों पर भी दांव लगाने की तैयारी में है, जो कई विधानसभा क्षेत्रों को प्रभावित करने की क्षमता रखते हों.। लिहाजा, पार्टी की कोशिश है कि सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया को मैदान में उतारा जाए ।
दरअसल, सिंधिया राजघराने का ग्वालियर-चंबल में अच्छा-खासा प्रभाव है. ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं, मगर यहां के अधिकांश विधानसभा क्षेत्रों पर भाजपा का कब्जा है. लिहाजा, इन क्षेत्रों में भाजपा से अधिकांश सीटें कैसे झटकी जाए, इस पर कांग्रेस में मंथन चल रहा है. इसके लिए कांग्रेस के पास सबसे बड़ा हथियार सिंधिया राजघराना ही है.
सिंधिया राजघराना जिस भी उम्मीदवार के साथ खड़ा हो जाता है, उसे जीत मिलती है, क्योंकि इस घराने के प्रमुख प्रतिनिधि ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रति स्थानीय जनता में आकर्षण है और वे मंत्री रहें या नहीं, क्षेत्र के विकास के लिए हमेशा काम करते रहते हैं. साथ ही किसी तरह के विवाद में उनका नाम नहीं आता. उनकी साफ -सुथरी छवि है, जिसका लाभ कांग्रेस को मिलता है.।
दूसरी ओर उनकी बुआ यशोधरा राजे सिंधिया मंत्री और शिवपुरी से विधायक हैं, दोनों के बीच कभी टकराव नहीं होता, और दोनों मनमाफिक उम्मीदवार को जिता ले जाते हैं.।
सूत्रों का कहना है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शनी राजे अब तक ग्वालियर की मतदाता हुआ करती थीं, मगर अब वे शिवपुरी की मतदाता बन गई हैं. इस साल अचानक वोटर लिस्ट में मतदाता के रूप में प्रियदर्शनी राजे का नाम एकाएक बढ़ने के बाद उन संभावनाओं को ज्यादा बल मिल रहा है कि प्रियदर्शनी यहां से चुनाव लड़ सकती हैं.।
वहीं, यह भी जानना जरूरी है कि इस समय यहां से ज्योतिरादित्य की बुआ यशोधरा राजे सिंधिया भाजपा की विधायक हैं. यशोधरा के इस बार दूसरे स्थान से चुनाव लड़ने की चर्चाएं जोरों पर हैं.।
एक तरफ जहां प्रियदर्शनी राजे का नाम शिवपुरी की मतदाता सूची में जुड़ा है, वहीं कांग्रेस नेता उन्हें विधानसभा का चुनाव लड़ाने की मांग करने लगे हैं. यह ऐसा विधानसभा क्षेत्र है, जहां 20 साल से कांग्रेस का उम्मीदवार जीत नहीं पाया है.
यहां 20 सालों से नहीं है कांग्रेस विधायक-विदित हो कि शिवपुरी में 20 वर्षो से कांग्रेस का विधायक नहीं है. इसलिए कार्यकर्ताओं की मांग है कि इस बार शिवपुरी से प्रियदर्शनी राजे सिधिया को कांग्रेस प्रत्याशी बनाया जाए । शिवपुरी से यशोधरा राजे तीन बार विधायक निर्वाचित हो चुकी हैं. वैसे, सिधिया परिवार में कोई भी सदस्य एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव नहीं लड़ता है. ऐसे में अगर प्रियदर्शनी राजे चुनाव मैदान में उतरती हैं तो यशोधरा राजे किसी और क्षेत्र से चुनाव लड़ सकती हैं.