व्यसनों का छोडने का मार्ग बताया - मुनि श्री प्रमाण सागर महाराज

मुनि श्री प्रमाण सागर महाराज

अभिषेक जैन रतलाम-आज कई अच्छे लोग बुरी आदतों और लत का शिकार है। कैंसर जैसे रोग का निदान करने वाले ही शराब और तंबाकू का सेवन कर रहे है। संचार माध्यमों से गंदी सामग्री को देखकर अपनी दृष्टि को गंदा कर रहे है। आज हर तरफ व्यसन परिवारों व समाज के पतन का कारण बना हुआ है। बुरी लत का शिकार लोग अपने जीवन की मुख्यधारा में जुड़ कर खुद का कायाकल्प कर सकते है, जरूरत है दृढ़ इच्छा शक्ति की, संकल्प और पक्के इरादे की। इससे मन की दुर्बलता दूर होगी और जीवन दुर्गति से मुक्त हो जाएगा।
यह बात चातुर्मास धर्मप्रभावना समिति द्वारा लोकेंद्र भवन में आयोजित चातुर्मास में मुनिश्री प्रमाणसागरजी ने कही। मुनिश्री ने कहा बुरी आदतें, लत व्यक्ति या तो दबाव में करता है या किसी के प्रभाव में आकर करता है। नतीजतन वो इन आदतों का शिकार हो जाता है और आदि होने लगता है। ऐसे लोगों को व्यसन और बुरी आदत छोडऩे की सीख दो तो उनका जवाब होता है कि महाराज कितने ही प्रयास कर लिए है मगर बुरी लत छुटती ही नही है। अगर मनुष्य स्वयं पर भरोसा करके बुराइयों से दूर रहने का संकल्प ठान ले तो दुनिया की कोई भी ताकत उसे नशे की गिरफ्त में दोबारा नहीं ले सकती है।
ऐसे छोड़ें गुटखे और शराब की लत
मुनिश्री प्रमाणसागरजी ने शराब, गुटखा व अन्य व्यसन छोड़ने के उपाय भी बताए। उन्होंने कहा अदरक लेकर उसके टुकड़े करो, उसमें नींबू का रस डालो और काला नमक मिला कर सूखा लो। इस सूखे हुए अदरक को डिब्बी में भर कर जेब में रख लो और जब भी शराब व गुटखे की तलब लगे अदरक का एक टुकड़ा खाओ। कुछ ही समय में व्यसन छूटने लगेगा। शराब व अन्य नशे की लत लगे तो उस समय अपने दाहिने नथुने को बंद कर पांच मिनिट गहरी सांस लो। मैथी दाने के पावडर खाने व होम्योपेथी की दवाईयों से भी नशे की आदत को खत्म किया जा सकता है। मुनि श्री के प्रवचनों को सुन धर्मसभा में सभी ने  हाथ उठाकर बुरी लत छोड़ने का संकल्प लिया
संकलन अभिषेक जैन लुहाडिया रामगंजमंडी

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