देशभर से जैन समाज के 50 हजार श्रद्धालु कोटा में जुटेंगे, हेलीकॉप्टर से होगी पुष्पवर्षा

अभिषेक जैन कोटा -सर्वाधिक दीक्षा प्रदात्री गणिनी आर्यिका 105  विशुद्धमति माताजी का 50वां संयम स्वर्ण महोत्सव कोटा शहर में 7 से 9 मार्च तक मनाया जाएगा। 9 मार्च को देशभर के 50 हजार श्रद्धालु जुटेंगे और शोभायात्रा पर दो हैलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की जाएगी। इसके लिए शहर का जैन समाज जुटा हुआ है। इसके लिए स्वार्णिम  स्वर्ण जयंती राष्ट्रीय कार्यकारिणी का भी गठन किया जा चुका है जिसका गठन टोंक  मे हो चुका है
गुरु माँ के संघ विवरण वर्तमान
तलवंडी जैन मंदिर में इन दिनों विशुद्धमति माताजी  के संघ 9 आर्यिका माताजी , 4 क्षुल्लिकाएं माताजी और 3 दीदियां शामिल हैं।
कार्याध्यक्ष जेके जैन ने बताया कि कार्यक्रम के लिए एक साल से तैयारियां की जा रही हैं। इसके लिए समाज के पदाधिकारियों की कई बार मीटिंग हुई। उसके बाद कार्यक्रम तय किए हैं और कई कार्यक्रमों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।  वही राष्ट्रीय कार्यकरिणी की भी मीटिंग हो चुकी है
जगह के लिए कॉमर्स कॉलेज और सीएडी ग्राउंड में से एक को फाइनल किया जाएगा।
यह आयोजन गुरु माँ  विशुद्धमति माताजी  के दीक्षा के 50 साल पूरे होने पर किया जा रहा है। इसमें हाड़ौती के अलावा पूरे देशभर के जैन समाज के श्रद्धालु शामिल होंगे। 7 व 8 मार्च को 25-25 हजार श्रद्धालु और समापन पर 50 हजार श्रद्धालु शामिल होंगे। शहर के होटलाें और जैन समाज के ठहरने के स्थानों को बुक किया जा रहा है।
9 मार्च को होगा समापन समारोह
झंडारोहण के साथ कार्यक्रम की शुरुआत होगी। 7 मार्च को 1452 परिवारों द्वारा गणधर विलय विधान होगा। इसके अलावा माताजी ससंघ को वस्त्र दिए जाएंगे।
संध्या  को माताजी के जीवन पर देशभर के 150 कलाकारों द्वारा नाटक का मंचन व सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। 8 मार्च को गणधरवलय व रात को राष्ट्रीय स्तर की भजन संध्या होगी। 9 मार्च को समापन समारोह होगा। इसमें कई लोगों का सम्मान किया जाएगा।
दो दिन निकलेगी शोभायात्रा
: 7 व 9 मार्च को तलवंडी जैन मंदिर से कार्यक्रम स्थल तक शोभायात्रा निकाली जाएगी। इसमें 11 बैंड इसमें एक आरसी व तीन महिला बैंड भी शामिल होंगे। 11 घोड़े और 11 हाथी शामिल होंगे। दो हैलीकॉप्टर से इन पर गोटे के फूलों से वर्षा की जाएगी।
    स्वार्णिम दीक्षा वर्ष सबके मन मे हर्ष
गणिनी विशुद्धमति है ये बालयति
इनके चरणों मे झुकने का पल आ गया
घोर तप साधना मुक्ति की है भावना
इनके चरणों मे झुकने का पल आ गया
हमको सब कुछ दिया हमसे कुछ न लिया
कुछ करने का पल आ गया
स्वार्णिम दीक्षा का पल आ गया
   

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