राजनीतिक हलचल-पोहरी विधानसभा भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों के लिए हाई प्रोफाइल सीट तो है ही क्योंकि यहाँ भाजपा के नरेंद्र सिंह तोमर और यशोधरा राजे का हस्तक्षेप है तो वहीं कांग्रेस के फायर ब्रांड नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की चलती है । इस बार पोहरी में दोनों ही दलों ने किरार समाज का प्रत्याशी उतारकर मतदाता की चुनावी कश्ती को मझदार में छोड़ दिया है अब मतदाता यह तय करने में माथापच्ची कर रहा है कि वो किस किनारे पर जाकर लगे । धाकड़ बहुलतावादी पोहरी में दोनों ही दलों ने धाकड़ प्रत्याशी देकर धाकड़ समाज को तवज्जों दी है या फिर धाकड़ समाज की राजनीति पर ग्रहण लगाने की एक साजिश है ।
आपको बताते चलें कि धाकड़ समाज की बहुलता और निर्णायक भूमिका का पता इस बात से भी पता चलता है कि पोहरी में सबसे अधिक बार विधायक इसी समाज से मिला है और पोहरी की राजनीति में इस जाति की तूती बोलती है । एक नज़र राजनीति पर दौड़ाएं तो जनपद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष इसी जाति से आते हैं तो पोहरी में दो बार से विधायक भी इसी जाति से है, इसके अलावा जिला पंचायत और जनपद सदस्यों सहित कई जनप्रतिनिधियों की एक लंबी सूची है और इसी बढ़ते कद को देखते हुए समझ नहीं आ रहा कि ये दोनों ही दलों की ओर से तवज्जों है या फिर साजिश ।
पोहरी में साजिश या तवज्जों
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Sunday, November 04, 2018