संत मिले तो उसका पूरा लाभ लेकर अपने जीवन का आत्म कल्याण करें : आचार्यश्री विद्यासागर जी

अभिषेक जैन बल्देवगढ़ -खरगापुर नगर में आचार्य  श्री विद्यासागर जी महाराज के ससंघ सानिध्य में पारसनाथ दिगंबर जैन मंदिर में मूलनायक पारसनाथ भगवान का महामस्तकाभिषेक का आयोजन किया गया। आचार्यश्री का संगीतमय पूजन प्रतिभा स्थली की छात्राओं ने किया। इसके पश्चात आचार्यश्री के मंगल प्रवचन हुए। जिसमें उन्होंने कहा कि कमल कहां है तालाब में, सूर्य कहां है आसमान में इतनी दूरी होने के बाद भी कमल सूर्य उदय के साथ खुलता है एवं अस्त होने पर बंद हो जाता है। मकरंद को पाने के लिए जैसे भौंरे मडराते हैं, उसी प्रकार साधु के पास लोग मड़रा रहे हैं। रात में अनेकों सूर्य आने पर भी कमल नहीं खेलते उन्हें पता है कि सूर्योदय होगा तभी कमल खिलेगा। धर्म का संबंध हमेशा बना रहे। इसी प्रकार जब भी संत आए तो उसे पूरा धर्म लाभ लें एवं अपने जीवन का आत्म कल्याण करें। मोक्ष मार्ग पहुंचने का यही रास्ता है। स्थानीय रिटायर्ड शिक्षक हरी राम तिवारी ने आचार्यश्री एवं अशांत मति माता की जीवन चर्या पर प्रकाश डाला और मूक माटी पर एक कविता सुनाई। इस दौरान बल्देवगढ़, टीकमगढ़, पलेरा, छतरपुर आहार क्षेत्र हटा एवं दूरदराज के क्षेत्रों से हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे। शुक्रवार को आचार्यश्री की आहार चर्या ग्राम मजना में संपन्न होगी। उसके बाद आचार्यश्री विहार करते हुए अतिशय क्षेत्र बंधा पहुंचेंगे।
  

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