अभिषेक जैन बंधा -विश्व प्रसिद्ध विश्व का प्रथम रजत मंदिर का अतिशय क्षेत्र बंधा में शिलान्यास हुआ। आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का बम्हौरी बराना से सुबह 6.10 पर अतिशय क्षेत्र बंधा के लिए बिहार हुआ। आचार्यश्री अपने 32 मुनिराजों के साथ थे।
आचार्य श्री विद्यासागर जीमहाराज का अतिशय क्षेत्र बंधा में साढे 4 महीने के बाद दूसरी बार मंगल प्रवेश हुआ। आचार्यश्री की आगवानी के लिए देशभर से जैन धर्मावलंबी शनिवार की रात को ही बंधा पहुंच गए थे। रविवार सुबह 7.30 बजे हजारों की संख्या में पुरुष महिलाएं बच्चे बूढ़े बुजुर्ग सभी आचार्यश्री की एक झलक पाने के लिए बेताब दिखे। आचार्यश्री 30 जून को अतिशय क्षेत्र बंधा आए थे। उस दौरान आचार्यश्री का सिर्फ 5 दिन का ही अल्पकालीन प्रवास क्षेत्र को मिल पाया था और आचार्यश्री ने जैसे ही अजित नाथ भगवान के दर्शन किए आचार्यश्री अजितनाथ भगवान के दर्शन से बहुत ही प्रभावित हुए। आचार्य भगवन ने अपने प्रवचनों में कहा कि देश में दो ही ऐसे जिन प्रतिमाएं हैं जो मुंह बोलती हैं।
एक गोमटेश बाहुबली की और दूसरी अतिशय क्षेत्र बंधा में विराजमान अजितनाथ भगवान की। आचार्यश्री ने कहा था मुझे ऐसा लग रहा जैसे अजितनाथ भगवान मुझे रोक रहे हों मेरा कान पकड़ रहे हो। इसी से प्रभावित होकर आचार्यश्री विद्यासागर महाराज के मन में बंधा में विश्व का प्रथम रजत मंदिर बनाने का विचार आया। जिसका शिलान्यास रविवार को आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की संसघ सानिध्य में संपन्न हुआ। कार्यक्रम का निर्देशन एवं संचालन बाल ब्रह्मचारी सुनील भैया इंदौर द्वारा किया गया। बधा के इतिहास में यह सबसे बड़ा दिन रहा। शाम 4 बजे से शिलान्यास कार्यक्रम शुरू हुआ। शिलान्यास समारोह में देश के कई राज्यों से आए लोग शामिल हुए।
आचार्य श्रीने ने कहा कि जिस प्रकार से गुब्बारे होते हैं उसी प्रकार से हमारा जीवन होता है। गुब्बारे देखने में बहुत सुंदर होते हैं बच्चे गुब्बारों से खेलते हैं और थोड़ा सा भी हाथ से दबा देते तो वह फूट जाता है। इसी प्रकार से मनुष्य जीवन है हमें अपने जीवन को सार्थक बनाना है। मंदिर निर्माण में तन मन धन से सभी 40 गांव की समाज को सहयोग करना होगा। तभी यह मंदिर अपना स्वरूप लेगा। आचार्यश्री ने कहा कि बंधा के अजितनाथ भगवान मुझे यहां बांधने का प्रयास करते हैं। मुझे रोकने का प्रयास करते हैं। वास्तव में अजितनाथ भगवान अलौकिक अतिशय कारी चमत्कारी भगवान हैं। उन्होंने कहा मैं बीच-बीच में बंधा आता रहूंगा। आप लोग कड़ी मेहनत करके इस काम को पूरा करें।