अभिषेक जैन सागवाड़ा- शहर के दिगंबर जैन बोर्डिंग के वात्सल्य सभागार में शनिवार को आचार्य श्री सुंदरसागर जी महाराज की धर्मसभा हुई। इस अवसर पर आचार्य महाराज ने कहा कि व्यक्ति को अपने पद के अनुरूप सम्मान मिलता है। स्वर्ग के देव एवं इंद्रगण भी अपना सारा वैभव होते हुए भी वीतरागी जिनेंद्र भगवान के चरणों में सिर झुकाते हैं।
मनुष्य को इतना पुरुषार्थ करना चाहिए कि वह देवाधिदेव यानी जिनेंद्र भगवान के समान बन सके।उन्होंने कहा कि भाव निम्न हो तो नरक गति का बंध हो जाता है। मन में भाव है इसलिए हम पाषाण की प्रतिमा को भी भगवान के रूप में पूजते हैं। प्रतिष्ठाचार्य विनोद पगारिया ने बताया कि स्थानीय चंद्रप्रभु दिगंबर जैन मंदिर में 24 से 31 दिसंबर तक आचार्य सुंदरसागर जी महाराज ससंघ के सानिध्य में सकल दिगंबर जैन समाज सागवाड़ा की ओर से आठ दिवसीय सिद्धचक्र महामंडल विधान होगा।
सागवाड़ा जैन मंदिर में सिद्धचक्र विधान 24 से आचार्य सुन्दर सागर जी महाराज सानिध्य मे व्यक्ति को पद के अनुरूप सम्मान मिलता है सुन्दर सागर जी
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Sunday, December 16, 2018
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