गुरु के शब्दों में से कुछ भी ग्रहण कर लिया तो तर जाओगे : विज्ञाश्री माताजी

अभिषेक जैन जयपुर -पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर त्रिवेणी नगर में मौजूद भक्तों के सामने आर्यिका विज्ञाश्री माताजी ने अपने मंगल प्रवचन में बताया कि वचन नहीं प्रकिष्ठ वचन ग्रहण करें। आर्यिका ने बताया कि श्रावक ने धर्म सभा में यदि गुरु के निकले शब्दों में कुछ शब्द भी ग्रहण कर लिए तो वह संसार रूपी समुद्र से तर जाता है। उन्‍होंने बताया कि श्रोता तीन प्रकार के होते हैं, प्रथम इस कान से सुना उस कान से निकाला दितीय  दूसरे कान से सुना मुख से निकाला, यदि जिनेन्द्र की वाणी कान से सुने और नाभी से निकाले तो सम्यक दर्शन का काम करेंगी। धर्म सभा में कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्जलन से हुई।
  

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.