अभिषेक जैन सागर -आमतौर पर साधु संत धर्म के मार्ग पर चलने, समाज सुधार की दिशा में काम करने के उपदेश ही देते हैं। परंतु सागर में विराजमान रहीं आर्यिकाश्री विज्ञानमति माताजी ने लोगों को पानी की बर्बादी रोकने के लिए भी जागरूक किया। अपने रोज के प्रवचनों में उन्होंने पानी का महत्व बताया और उसकी बर्बादी से संभावित नुकसान के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने पानी की बर्बादी विशेषकर ओवर फ्लो के रूप में लगभग हर दूसरे घर में होने वाली पानी की बर्बादी रोकने के लिए लोगों से अपील की। इसका असर यह हुआ कि उनके प्रवचनों से प्रभावित होकर करीब 500 परिवारों ने अपने घरों में ओवर फ्लो में मशीन लगवा ली हैं। पिछले 4 सालों में उनसे प्रभावित होकर बुंदेलखंड के करीब 2 हजार परिवार यह मशीन लगवा चुके हैं। यह मशीन पानी की टंकी 95 फीसदी भरने की स्थिति में ही रेलवे अनाउंसमेंट की तर्ज पर बोलना शुरू कर देती है कि सावधान पानी की टंकी भर गई है कृप्या मोटर बंद कीजिए। इसे अंग्रेजी में भी दोहराती है। इस अभियान में और भी लोगों को जोड़ने के लिए अब आर्यिकाश्री के शिष्य अपने स्तर पर फंड एकत्र कर मशीनों की व्यवस्था करने में जुटे हुए हैं, ताकि ऐसे लोग जो मशीनें नहीं खरीद सकते, उन्हें निशुल्क मशीनें उपलब्ध कराई जा सकें।
आर्यिकाश्री मूलत: राजस्थान की हैं।
वे आचार्यश्री विद्यासागर के गुरु भाई मुनि विवेक सागर की शिष्या हैं। उन्हें दीक्षा लिए 35 साल हो गए हैं।
आर्यिका प्रवचनों में दिलाती है पानी बचाने का संकल्प, 2 हजार परिवार लगवा चुके मशीन, जो बोलती है-सावधान! पानी की टंकी भर गई है कृपया मोटर बंद कीजिए
आर्यिकाश्री का संदेश -: पानी की बर्बादी रुकेगी और अहिंसा धर्म का पालन होगा
वीरेंद्र मालथौन ने बताया कि चातुर्मास के दौरान आर्यिका विज्ञानमति माताजी नेहानगर मकरोनिया में विराजमान रहीं। हाल ही में वे रहली पहुंची हैं। माताजी रोजाना लोगों को पानी की बर्बादी रोकने के लिए टंकियों में ओवर फ्लो रोकने मशीन लगाने प्रेरित कर रही हैं। आर्यिका माताजी का कहना है कि इससे एक ओर जहां पानी की बर्बादी रुकेगी, वहीं दूसरी ओर अहिंसा धर्म का पालन भी होगा।
प्रवचन में माताजी के शिष्य दिखाते हैं डेमो, 4 साल से चल रहा है अभियान
वर्ष 2015 से आर्यिकाश्री का यह अभियान चल रहा है। उनका कहना है कि हर जगह की पानी की बर्बादी रोकना आम आदमी के हाथ में नहीं है। परंतु ओवर फ्लो से होने वाली पानी की बर्बादी आसानी से हर कोई रोक सकता है। ऐसा करने से सामूहिक रूप से लाखों गैलन पानी की बर्बादी रोकी जा सकती है। जिससे गर्मियों के समय में बुंदेलखंड में पड़ने वाले जल संकट से लोगों को राहत मिल सके। उनका कहना है कि व्यर्थ बहने वाला पानी बहकर नालियों सहित अन्य जगह में भर जाता है। जिसमें मच्छर आदि जीव उत्पन्न हो जाते हैं। जो बाद में हमारे लिए ही बीमारी का कारण बनते हैं। ऐसे में पानी की व्यर्थ बर्बादी को रोक कर हम न सिर्फ पानी को सहेजेंगे बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी यह अच्छा कदम होगा। उन्होंने अपने प्रवचनों में यह रोज कहा है कि यदि हम पानी सहेजने के लिए आज नहीं चेते तो आगे चलकर इसी पानी की एक-एक बूंद के लिए तरसेंगे। आर्यिकाश्री के एक शिष्य उनके प्रवचनों में साथ रहकर पानी की बर्बादी का डेमाे दिखाते हैं साथ ही उसके संरक्षण का तरीका भी बताते हैं।
आर्यिका प्रवचनों में दिलाती है पानी बचाने का संकल्प, 2 हजार परिवार लगवा चुके मशीन, जो बोलती है-सावधान! पानी की टंकी भर गई है कृपया मोटर बंद कीजिए
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Monday, December 17, 2018
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