अभिषेक जैन भोपाल-वाहन में जितना ईंधन होता है उतना ही वह चलता है। उसी प्रकार प्रत्येक जीव एक गति से दूसरी गति में जाता है तो उसे कर्मों की ऊर्जा के हिसाब से चलना पड़ता है। यह विचार शाहजहांनाबाद जैन मन्दिर में मुनिश्री विद्यासागर जी महाराज ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि जिस तरह आज के लोकतंत्र में बहुमत के हिसाब से सरकार चलती है, ठीक उसी तरह जब दो तिहाई सद्कर्म आपके पक्ष में होते हैं, तब कर्मों की सरकार आपके पक्ष में चलती है, कर्मों से निकलकर कोई बाहर नहीं निकल सकता। आयु कर्म का बंध बहुत महत्वपूर्ण होता है। कर्म किसी को नहीं छोड़ते, सम्यक दृष्टि जीव समय रहते संभल जाता है तो स्व और पर के कल्याण में लग जाता है।
जब दो तिहाई सद्कर्म होगे तभी कर्मो की सरकार चलेगी मुनि श्री
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Saturday, December 01, 2018
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