सम्मान से खुश वह होता है, जो मान करता है, मैं सिर्फ शांति का साधक हूं : मुनि श्री पुलकसागरजी

अभिषेक जैन मुंबई-भारत गौरव राष्ट्रसंत मुनि पुलकसागर जी महाराज को मुंबई में ब्रिटिश पार्लियामेंट लंदन द्वारा शांतिदूत की उपाधि दी गई। अखिल भारतीय पुलक जन चेतना मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं प्रवक्ता ने बताया एनएससीआई वर्ली मुंबई में आयोजित इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले, श्रीपाल यशवंत नाईक सहित कई मंत्री, भजन गायक अनूप जलोटा, लंदन से आए राजराजेश्वर स्वामी, डॉक्टर रामकृष्ण शाह, डॉक्टर हंसा योगेंद्र सहित समाज के कई गणमान्य लोग व पुलक मंच परिवार के राष्ट्रीय पदाधिकारी उपस्थित थे।
हजारों समाजजनों की उपस्थिति में आयोजित कार्यक्रम के प्रमुख सूत्रधार थे ब्रह्मचारी देवेंद्र भाईजी। मुनि पुलकसागर महाराज ने इस मौके पर प्रवचन में कहा- मैं उस पद का पथिक हूं, जहां सम्मान और उपाधियों का कोई महत्व नहीं हुआ करता है। हमारी साधना एवं तपश्चर्या से बढ़कर कुछ भी नहीं है। साधु से बड़ा दुनिया में कोई पद नहीं है। साधु से बड़ा सम्मान इस दुनिया में कोई भी नहीं करता है। मेरा तो वीतरागता का मार्ग है। सम्मान से खुश वह होता है, जो मान करता है। न हम मान करते हैं, न हम सम्मान चाहते हैं। उन्होंने कहा- यह मत समझना कि मैं पूना में चातुर्मास करके यहां मुंबई में सम्मान कराने आया हूं। मैं तो यहां अपने भक्त का मान रखने आया हूं। मैं शांतिदूत नहीं मैं शांति का साधक हूं। शांति के पथ पर बढ़ रहा हूं। मुझे तो शांतिदूत का नहीं शांतिनाथ का पद चाहिए। यह मेरा सम्मान नहीं, भगवान महावीर का सम्मान है। मेरे गुरु का सम्मान है। यह सम्मान मैं भगवान महावीर एवं अपने गुरुओं के चरणों में अर्पित करता हूं। इस मौके पर प्रदीप बड़जात्या का देशभर में मंचों के कार्य एवं धर्म प्रभावना के कार्यों के लिए विशेष सम्मान किया गया। इस अवसर पर इंदौर मंच के कई लोग उपस्थित थे।

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