अभिषेक जैन मुंगावली-इंडिया शब्द का कोई मतलब नहीं है, यह अर्थहीन नाम है। भारतीय देश के लिए अंग्रेजी नाम का इस्तेमाल होना दुर्भाग्यपूर्ण है। भारत शब्द एक ताकत है। इसलिए इंडिया हटाओ, भारत बचाओ के लिए आप लोगों को अभियान चलाना चाहिए। इसके लिए राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री से लेकर जनप्रतिनिधियों को पत्र लिखें। उक्त आशय के उद्गार संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने मुंगावली में हजारों की संख्या में मौजूद श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कही। करीब एक घंटे तक चले प्रवचन के दौरान आचार्यश्री ने कहा कि भारत को इंडिया नहीं कहना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत नाम एक परंपरा का है, यह एक संस्कृति का नाम है। इस देश के हर व्यक्ति का दिल इस शक्ति से गूंजना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत को इंडिया कहने वाले इसकी संस्कृति से अनभिज्ञ हैं। आचार्यश्री ने इंडिया बोलने पर कहा कि इंडिया की कुंडली ठीक नहीं, भारत की ठीक है, इस पर उन्होंने श्रवण कुमार की कथा का उल्लेख करते हुए बताया कि अंधे माता पिता को श्रवण कुमार कांवड़ को कंधे पर रखकर तीर्थ यात्रा करा रहे थे। यात्रा के दौरान जब वह एक गलत क्षेत्र में पहुंचे तो उनका मन बदल गया। माता पिता से कहा कि अब मैं तुम्हे आगे तीर्थ यात्रा नहीं करा सकता मुझे अब अपनी जिंदगी जीना है। जिस पर माता पिता ने कहा बेटा नहींं जाना है, कोई बात नही बस अकेली नदी पार करा दो, जिसके बाद श्रवण कुमार आधी नदी तक पहुंचे तो उनका मन फिर परिवर्तित हो गया और वह तत्काल माता पिता से माफी मांगने लगा। जिस पर माता पिता ने कहा बेटा इसमें तुम्हारा कोई दोष नहीं, वह तो जगह का प्रभाव था, जिससे तुम्हारा मन परिवर्तित हो गया था।
मछली का ठेका छोड़ने वाले का किया सम्मान
देवगढ़ से मुंगावली आने के दौरान आचार्यश्री ने बेतवा नदी को पार करने के लिए जिस नाव मलिक की वोट का उपयोग किया था उसके मालिक रामलाल सिकरवार निवासी ललितपुर का स्थानीय समाज ने सम्मान किया। उल्लेखनीय है कि वोट मालिका का राजघाट बांध में मछली पकड़ने का ठेका था और आचार्यश्री के दर्शनलाभ करने के बाद उन्होंने उसी समय शाकाहार अपनाने एवं मछली कारोबार को बंद करने का निश्चय कर लिया था।
दो दर्जन बस सहित सैकड़ों वाहन पहुंचे
रविवार को आचार्यश्री के दर्शनों के लिए देश-प्रदेश के कई स्थानों से हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। इस दौरान चंदेरी से 751 लोग पदयात्रा कर आचार्यश्री के दर्शनों एवं उनके प्रवचनों को सुनने पहुंचे। वही इस मौके पर सभी समाजों के अध्यक्ष एवं कई जनप्रतिनिधियों ने आचार्यश्री को श्रीफल भेंट किया।
आचार्य श्री का मार्मिक उद्बोधन मछली का ठेका छोड़ने वाले का किया सम्मान
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Monday, December 10, 2018
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