अभिषेक जैन इंदौर-हम आध्यात्मिक और सेवाभावी कार्यों को आज की अपेक्षा कल करने की आदत अपना लेते हैं। इसी प्रवृत्ति के कारण धर्म और संयम के पथ पर जाने की शुरुआत करने में बहुत समय लगता है, जबकि हमें इस पथ पर आज और अभी से चलना शुरू कर देना चाहिए। नेतृत्वकर्ता एवं प्रभावशाली व्यक्तित्व के लिए यह एक आवश्यक गुण माना गया है।
यह बात रविवार को आर्यिका आदर्शमति माताजी ने समवशरण दिगंबर जैन मंदिर में आर्यिका दुर्लभमति माताजी ससंघ के पिच्छिका परिवर्तन समारोह में कही। उन्होंने कहा- दौलत, परिवार, भोग, कुटुंब, रिश्तेदार यह सब वास्तविक नहीं है। वास्तविकता तो हमारे अंदर का परमात्मा है, जिसके गणों के चिंतन एवं सिंचन से नई सृष्टि का निर्माण होता है। अमित जैन व संजीव जैन ने बताया इस अवसर पर समवशरण ग्रुप, महिला मंडल एवं क्रिएटिव ग्रुप उज्जैन द्वारा सकारात्मक प्रस्तुतियां दी गईं। आयोजन में समाजजन शामिल हुए। कार्यक्रम का संचालन महेश कोटिया व नितिन खुरई ने किया।
समवशरण जैन मंदिर में दुर्लभमति माताजी ससंघ का हुआ पिच्छिका परिवर्तन समारोह
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Monday, December 10, 2018
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