अभिषेक जैन भोपाल-पुराना शहर के शांतिनगर स्थित जिनालय में रविवार को भगवान पार्श्वनाथ महामंडल विधान हुआ। पूजा-अर्चना के साथ ही भगवान का अभिषेक व महाआरती की गई। माड़ना बना कर अर्घ्य दिए गए। इस अवसर पर मुनिश्री कुंथु सागर जी महाराज ने प्रवचन में कहा कि धन समेत अन्य वस्तुओं के संग्रह की प्रवृत्ति छोड़ों। यह प्रवृति मोह के भंवर में फंसाती है। दान करने की आदत डालों। दान करने से भव सागर में फंसी नैया पार लगती है। मुनिश्री ने कहा कि भाव शुद्ध व विचार सकारात्मक रखो। भावों की दरिद्रता दूर कर संपन्नता लाओ। भगवान महावीर व अन्य सभी तीर्थंकरों के वचनों को समझो और उन्हें आत्मसात करो। खास कर जियो और जीने दो के सिद्धांत पर चलो। अहिंसा के मार्ग पर चलो। शांति व सद्भाव का वातावरण बनाओ। भक्ति व आराधना निष्काम हो, तभी फलीभूत होती है। इसके पूर्व विभिन्न अनुष्ठान किए गए।
संग्रह की प्रवृत्ति मोह के भंवर में फंसाती है दान की आदत से ही पार होता है भवसागर-मुनिश्री कुंथु सागर
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Monday, December 10, 2018
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