ज्ञान का विज्ञान समझने के लिए तप की साधना, संयम की आराधना जरूरी नंदीश्वर जिनालय में मुनिश्री विद्यासागर जी महाराज ने कहा-

अभिषेक जैन भोपाल -जहां भौतिक विज्ञान समाप्त होता है, वहां से वीतराग विज्ञान प्रारंभ होता है। संसार में विज्ञान कितना ही आगे आ जाए, लेकिन मनुष्य के जीवन में शांति विज्ञान से नहीं सम्यक ज्ञान से मिलती है। जो साइलेंस हो जाए वही साइंस है, ज्ञान का विज्ञान समझना बहुत जरूरी है, इसके लिए तप की साधना और संयम की आराधना करना होगी। यह आशीष वचन नंदीश्वर जिनालय में मुनिश्री विद्यासागरजी महाराज ने सोमवार को आयोजित धर्मसभा में दिए।
नंदीश्वर जिनालय में मुनिश्री विद्यासागर, जीमुनिश्री शांति सागरजी और मुनिश्री प्रशांत सागर जीमहाराज का शीतकालीन वाचना प्रवास हो रहा है। यहां पर मुनिश्री विद्यासागर जी महाराज नेरत्नकरण्ड श्रावकाचार ग्रंथ की वाचना कर रहे हैं।

      

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.