जिनालय भारतीय संस्कृति के माथे का तिलक : आचार्यश्री निर्भय सागर जी पंचबालयति जैन मंदिर में नवीन वेदी का शिलान्यास

अभिषेक जैन भोपाल-जिनालय भारतीय संस्कृति के माथे का तिलक होते हैं। मंदिर हमारी आस्था, श्रद्धा और भक्ति का केंद्र होने के साथ आत्म कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करते हैं। यह बात आचार्यश्री निर्भय सागरजी  महाराज ने पंचबालयति जैन मंदिर नीलबड़ में कही। आचार्यश्री के ससंघ सान्निध्य में रविवार को जिनालय में नवीन वेदी का शिलान्यास हुआ। यहां भगवान महावीर का अभिषेक और मंत्र उच्चारित शांतिधारा के बाद उनकी पूजा-अर्चना विधि-विधान से की गई।
   

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