जितना पुण्य होगा, उतना ही मानव को लाभ मिलेगा-मुनि विश्रांतसागर जी महाराज

बूंदी- नैनवां रोड की रजतगृह कॉलोनी के श्रीशीतलनाथ दिगंबर जैन में शनिवार को मुनिश्री  विश्रांतसागर जी  महाराज के सानिध्य में संगीतमय शीतलनाथ महामंडल विधान का आयोजन आचार्यश्री विमलसागर जीमहाराज की समाधि दिवस पर मनाया गया।
अपने मंगल प्रवचन में मुनि श्री ने कहा कि आचार्य विमलसागर महाराज युग-युगान्तर तक याद रखे जाएंगे। वे आचार्य थे, जिनकी दृष्टि में समस्त प्राणी समान थे। सभी के साथ समान व्यवहार रखते थे। हमेशा परोपकार व धर्मोपदेश में लीन रहते थे। आचार्यश्री ने पर्याय ज्ञान से न केवल परोपकार किया, बल्कि निर्वाण के कुछ समय पूर्व आभास होने पर सबको अलग कर समाधि मरण तपस्या में लीन हो गए। उन्होंने उपदेश दिया कि आप भी साधु अवस्था प्राप्त कर मोक्ष के पथ पर चल सकते हैं, लेकिन पुरुषार्थ आपको ही करना होगा। जीवन में पुण्य के फल से ही मनुष्य काे सुख-दुख मिलता है। पुण्य करने से ही मनुष्य को लाभ, हानि होती है। मनुष्य का जितना पुण्य होगा, उसे उतना ही लाभ मिलेगा।

आज मुनिश्री का मंगल विहार
रजतगृह कॉलोनी के मंदिर में रविवार को मुनि श्री विश्रांतसागर जी महाराज सुबह अभिषेक, शांतिधारा के बाद मंदिर से 8 बजे शहर के चौगान गेट जैन मंदिर में विहार करेंगे। मुनि व्यवस्था समिति के संयोजक सुरेंद्र छाबड़ा ने बताया कि रविवार को सुबह वेे महाराज ससंघ चौगान गेट जैन मंदिर में गाजे बाजे के साथ आएंगे।
       संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी

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