चातुर्मास के बाद मुनि श्री प्रमाणसागरजी व विराटसागरजी का विहार

अभिषेक जैन रतलाम -चातुर्मास के बाद मंगलवार को 108 मुनि श्री  प्रमाणसागर जी एवं मुनि श्री विराटसागरजी महाराज का विहार हुआ। विहार के दौरान कई समाजजन के आंसू निकल गए। वे सालाखेड़ी होते हुए नोबल स्कूल पहुंचे जहां रात्रि विश्राम कर बुधवार सुबह रवाना होंगे। रेनमऊ पर आहार चर्या करेंगे। धराड़, बदनावर होते हुए धार पहुंचेंगे।
सकल दिगंबर जैन समाज के प्रवक्ता मांगीलाल जैन ने बताया मुनि श्री प्रमाण सागर जी और विराटसागरजी महाराज का चातुर्मास के लिए 9 जुलाई को मंगल प्रवेश हुआ था। 27 जुलाई को कलश स्थापना के साथ ही लोकेंद्र भवन में भव्य चातुर्मास की शुरुआत हुई थी। उनके सान्निध्य में शंका समाधान सहित दसलक्षण पर्व पर भव्य विधान पूजन हुआ। रतलाम में पहली बार 48 मंडली श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान एवं विश्व शांति रथ यात्रा मुनिद्वय के सान्निध्य में निकली। शुभारंभ और विराम पर निकली यह यात्रा अब तक की ऐतिहासिक यात्रा रही। बाहर से आए रथ और बैंड ने इस यात्रा को पूरे शहर में अविस्मरणीय बना दिया।

दो लाख भक्त आए दर्शन करने
उनके चातुर्मास में देशभर से दो लाख से ज्यादा भक्त उनके दर्शनों के लिए आए थे। लोकेंद्र भवन से विहार किया, स्टेशन रोड, अनाज मंडी होते हुए स्कूल पहुंचे। जहा बड़ी संख्या में समाजजन शामिल हुए।
        

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