मुनि श्री विश्रांतसागर जी महाराज के सानिध्य में आचार्य विमल सागर जीमहाराज का समाधि दिवस आज

बूँदी-आचार्य विमलसागरजी महाराज के समाधि दिवस पर शनिवार सुबह बूंदी शीतलनाथ दिगंबर जैन मंदिर नैनवां रोड पर मुनि श्री विश्रांतसागरजी  महाराज के सानिध्य में शीतलनाथ मंडल विधान सहित अन्य धार्मिक कार्यक्रम होंगे।
शाम को मुनि श्री  की आरती के बाद मधुबन कॉलोनी में होने वाले पंचकल्याणक के माता पिता की गोद भराई का धार्मिक आयोजन होगा। कार्यक्रम में कोटा, बारां और झालावाड़ सहित हाड़ौतीभर जैन समाजबंधु शामिल होंगे।
सुबह 7 बजे से महामंडल का आयोजन होगा। इससे पूर्व मंदिर में महामस्तकाभिषेक होगा। आयोजन को लेकर समाजबंधु जुटे हुए हैं। आयोजन के बाद वात्सल्य भोज होगा।

पुण्योदय होता है तभी लोग साथ देते हैं: मुनि श्री
मंदिर परिसर में शुक्रवार सुबह 9 बजे मुनि श्री विश्रांत सागर जी  महाराज के प्रवचन, पूजन आरती और मंगलाचरण के साथ हुए। मुनि श्री ने धर्म की महिमा का प्रवचन में बखान किया। उन्होंने कहा कि पुण्योदय होता है तभी लोग मनुष्य का साथ देते हैं। जो धर्म स्वर्ग दे सकता है क्या वह सुख नहीं दे सकता? संसार के सुख की प्राप्ति के लिए धर्म ही मार्ग है। सम्यक दृष्टि व्यक्ति पुण्य के लिए धर्म नहीं करता। भाव प्रधान धर्म का लाभ अलग से मिलता है। उन्होंने दृष्टांत में बताया कि मधुर वाणी से कालिया नाग को भी वश में किया जा सकता है तो क्या मनुष्य वशीभूत नहीं होगा। उन्होंने पाप और पुण्य में बताया कि सबसे बड़ा पतित व्यक्ति वह है जो दूसरों के सुख को देखकर दुखी हो जाता है। जो व्यक्ति दूसरों के सुख में प्रसन्न रहता है वह सदैव प्रसन्नता को प्राप्त करता है। प्रवचन सभा के बाद मुनिश्री की आहार चर्या हुई। प्रवचन सभा में बड़ी संख्या में जैन समाजबंधु महिला-पुरुष मौजूद रहे।
           संकलन अभिषेक जैन लुहाडिया रामगंजमंडी

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