भगवान की भक्ति में जो घुल जाता है वह अमर हो जाता है' मुनि श्री प्रमाण सागर

सिंघाना -शिरोमणि आचार्य श्री  विद्यासागरजी महाराज के शिष्य मुनि श्री प्रमाण सागरजी व मुनी श्री  विराट सागरजी महाराज  का रविवार सुबह 8.30 पर सिंघाना में मंगल प्रवेश हुआ। इस मौके पर मां हरसिद्धि मंदिर से मुनिद्वय की बैंड बाजों के साथ शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा नगर के विभिन्न मार्गों से होकर भगवान आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर पहुंची। इसमें जैन समाज के साथ सभी समाजजनों ने मुनियों की अगवानी की। ग्राम लोहारी, कुक्षी, मनावर, बड़वानी के भी जैन समाज अनुयायी भी पहुंचे। मुनिश्री ने दिगंबर जैन मंदिर पहुंच कर भगवान आदिनाथ के दर्शन किए व उपस्थित भक्तों को प्रमाण सागरजी ने कहा भगवान की भक्ति में जो घुल जाता है वह अमर हो जाता है। आप में प्रभु में इतना अंतर है कि तुम जिस का उपभोग करोंगे वह जूठन है। परमात्मा को लगाया हुआ प्रसाद बन जाता है। मन में खोट दिल में पाप हो तो सारे मंत्र जाप बेकार हैं। पाप काटने के लिए जाप व पाठ न करें परंतु पाप त्यागने के लिए पाठ व जाप करें। मनुष्य का सच्चा मित्र धर्म है सच्चा व पक्का मित्र उसे ही बनाना चाहिए, जो आपका हित व कल्याण की सोच रखें किसी के हित में किया गया क्रोध भी कल्याणकारी होता है। यहां से सैकड़ों अनुयायियों के साथ गुरुवर ने गणपुर के लिए 3 बजे बिहार किया
  संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी

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