जीवन को अच्छा बनाने के लिए नए संकल्प के साथ आगे बढ़े: मुनि श्री निर्वेग सागर जी

आष्टा-आपको अगर अपना जीवन अच्छा और सुखमय बनाना है तो नए संकल्प के साथ नए वर्ष में प्रवेश करें। वैसे भारतीय संस्कृति के अनुसार गुड़ी पड़वा के दिन नया वर्ष मनाते हैं, लेकिन अंग्रेजी वर्ष के परिवर्तन के अनुसार 1 जनवरी को नया वर्ष मना रहे हैं। नया उत्थान के साथ जीवन अपने आराध्य देव शास्त्र गुरु का सानिध्य प्राप्त कर आगे बढ़े।
यह बातें पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर किला पर भगवान पाश्र्वनाथ व चंद्रप्रभु भगवान के जन्म एवं तप कल्याणक के अवसर पर आयोजित धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री   निर्वेग सागर जी  महाराज ने कहीं। मुनिश्री ने कहा बाहरी खुशियां हमेशा कुछ समय ही साथ रहती हैं। खुशियां बीच में ही छोड़कर चली जाती हैंै। हम वास्तविक खुशी व शांति चाहते हैं तो वह धर्म को अपने जीवन में उतारने से ही मिलेगी। इसी सच्ची खुशी व शांति से अपने बुरे कर्मों की निर्जरा भी हो जाएगी। मुनिश्री ने कहा कि अज्ञानी मनुष्य धर्म को कभी भी ठीक तरह से समझ नहीं सकता है। इसलिए वह अपने जीवन में बुराइयों को ग्रहण कर लेता है। जिसके साथ बुरे कर्म जुड़े हैं। वह अपनी आत्मा का कल्याण नहीं कर पाएगा।
     संकलन अभिषेक जैन लुहाडीया रामगंजमंडी

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