सागर -मुनि श्री विमल सागर जी , मुनि श्री अनंत सागरजी, मुनि श्री धर्म सागर,जी मुनि श्री अचल सागरजी,व मुनि श्री भाव सागर जी महाराज एवम आर्यिका अनंत मति माताजी ससंघ 22 आर्यिकाओं के सानिध्य में शनिवार को आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का पूजन हुआ। इस मौके पर आर्यिका भावना मति माताजी ने कहा कि तुम्हें कुछ चाहिए तो तुम्हें कुछ करना होगा, कुछ समर्पित करना होगा। पंचकल्याणक उत्सव आने वाला है हमारे अंदर ऐसे भाव जागृत हो जाए कि हमारे भी पंचकल्याणक हो। हमारे भाव जल्दी परिवर्तित हो जाते हैं ,जब तक हम दान और धर्म के भाव नहीं करेंगे कुछ भी प्राप्त नहीं होगा । आपका ह्रदय भक्ति से भर जाए ,पंच परमेष्ठी एवं पंचवालयती रूप मुनि राज आपके नगर में आए हैं। आपके अंदर विमल ,अनंत ,धर्म ,अचल, भाव कई रूपों में प्राप्त हो जाए। पांच कल्याणक में पांच महाराज का सानिध्य मिलेगा।
मुनि श्री अचल सागर जी महाराज ने कहा की इंद्रिय सुख इस भव और पर भव में हमें दुख देते हैं ।पूजन करने से भी पुण्य प्राप्त होता है लेकिन किस प्रकार करना है यह महत्वपूर्ण है।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी