सागर-इंडिया नहीं भारत बाेलाे का संदेश देने मंगलवार दाेपहर डेढ़ बजे भाग्याेदय तीर्थ परिसर में आचार्य श्री विद्यासागर महाराज का आशीर्वाद लेकर शहर में निकली दोपहिया वाहन रैली ने 11 किलोमीटर की परिक्रमा दाे घंटे तीस मिनट में पूरी की। मंगलवार का दिन युवाओं ने देश के नाम किया और करीब एक हजार दुपहिया वाहन पर सवार 1500 से अधिक युवाअाें अाैर वरिष्ठ जनाें ने "इंडिया नहीं भारत बोलो " का संदेश शहर के लाेगाें काे दिया। रैली शहर के सभी सामाजिक संगठनों ने एक साथ मिल कर निकाली। भाग्योदय तीर्थ से हाथों में तिरंगा लेकर निकला ये कारवां भगवानगंज चाैराहे , गुजराती बाज़ार , कटरा नमकमंडी , परकोटा होते हुए सिविल लाईन पहुंचा फिर वहां से गोपालगंज तीन बत्ती , बड़ा बाजार , मोतीनगर चाैराहे के रास्ते से भाग्योदय तीर्थ पहुंचा। जहां अाचार्य श्री ने युवाओं से कहा कि अंग्रेज़ों की देन इंडिया नाम से देश को मुक्ति मिलना ही चाहिए। तभी हमारे देश की दशा व दिशा दोनों बदलेगी । रैली में अागे चल रहे डीजे की धुन पर युवा देश भक्ति के जयकारे लगाते हुए चल रहे थे। वीरेन्द्र मालथौन ने बताया कि भारत बोलो अभियान के अगले चरण में बुंदेलखंड से सैकड़ों चार पहिया वाहनों का क़ाफ़िला दिल्ली जाएगा। जहां इंडिया गेट पर प्रदर्शन किया जाएगा।
इस रैली में जैन पंचायत, विप्र समाज, रोटरी क्लब, संजोग समिति, विश्व हिंदू परिषद, वैश्य महासम्मेलन, सोशल ग्रुप, विचार संस्था, जैन मिलन, धर्म रक्षा संगठन, भारत रक्षा मंच सहित 22 संगठनों के सैकड़ों सदस्यों ने भागीदारी की। रैली में विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल थे।
क्यों चाहते हैं आचार्य श्री नाम में बदलाव :
राशि बदल जाती है नाम से, इसलिए आचार्य श्री विद्यासागर जी चाहते हैं कि भारत का नाम केवल भारत हो। क्योंकि इतिहास भारत का गौरवशाली है इंडिया का नहीं, दूध की नदियां भारत में बहती थीं इंडिया में नहीं।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी
इस रैली में जैन पंचायत, विप्र समाज, रोटरी क्लब, संजोग समिति, विश्व हिंदू परिषद, वैश्य महासम्मेलन, सोशल ग्रुप, विचार संस्था, जैन मिलन, धर्म रक्षा संगठन, भारत रक्षा मंच सहित 22 संगठनों के सैकड़ों सदस्यों ने भागीदारी की। रैली में विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल थे।
क्यों चाहते हैं आचार्य श्री नाम में बदलाव :
राशि बदल जाती है नाम से, इसलिए आचार्य श्री विद्यासागर जी चाहते हैं कि भारत का नाम केवल भारत हो। क्योंकि इतिहास भारत का गौरवशाली है इंडिया का नहीं, दूध की नदियां भारत में बहती थीं इंडिया में नहीं।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी