राजनीतिक हलचल-लोकसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो गई है और कांग्रेस पूरी तैयारी में दिखाई दे रही है वहीं भाजपा अभी विधानसभा चुनाव के सदमे और हार के लिए एक दूसरे को जिम्मेदार ठहराने से बाहर नहीं निकल पा रही है । भाजपा ने पूरा विधानसभा चुनाव महाराज यानी कांग्रेस के फायर ब्रांड नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को टारगेट करके चुनाव लड़ा था और महाराज ने ग्वालियर-चम्बल अंचल में जनता से कहलवा दिया था कि "माफ करो महाराज " नहीं बल्कि "माफ करो शिवराज" । अब भाजपा एक बार फिर सिंधिया को उनके ही लोकसभा क्षेत्र में घेरने की कोशिश में है ताकि सिंधिया का प्रभाव अन्य लोकसभा सीटों पर न पड़े ।
धाकड़ प्रत्याशी की तलाश-भाजपा ने पूर्व में सिंधिया के सामने अपने धुरंधरों को रन में भेजकर देख लिया लेकिन सभी के सभी सिंधिया के अजेय किले को ध्वस्त करने में खुद धराशायी हो गए । अब पार्टी को उनके खिलाफ एक धाकड़ प्रत्याशी की तलाश है, आपको बताते चलें कि यहाँ धाकड़ का मतलब एक धुरंधर प्रत्याशी से है, भाजपा अपने धाकड़ खिलाड़ी को मैदान में उतारकर गुना लोकसभा के अजेय किले को भले ही भेद न पाए लेकिन सिंधिया को किले से बाहर न निकलने दे ।
राजनीतिक गलियारों में धाकड़ प्रत्याशी के मायने धाकड़ ( किरार ) जाति के प्रत्याशी से लगाया जा रहा है और ये बात भी सत्य साबित हुई तो कोई अचरज नहीं होगा क्योंकि अंचल की सभी सीटों पर किरार समाज की बहुलता है और शिवराज सिंह के मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद से ही इस वोट बैंक का ध्रुवीकरण कांग्रेस की ओर होता दिखाई दे रहा है ऐसे में भाजपा किसी किरार ( धाकड़ ) को टिकिट को टिकिट देकर एक बार फिर इस समाज के वोट को अपनी तरफ आकर्षित करने की कोशिश करेगी ।
राजनीतिक गलियारों में धाकड़ प्रत्याशी के मायने धाकड़ ( किरार ) जाति के प्रत्याशी से लगाया जा रहा है और ये बात भी सत्य साबित हुई तो कोई अचरज नहीं होगा क्योंकि अंचल की सभी सीटों पर किरार समाज की बहुलता है और शिवराज सिंह के मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद से ही इस वोट बैंक का ध्रुवीकरण कांग्रेस की ओर होता दिखाई दे रहा है ऐसे में भाजपा किसी किरार ( धाकड़ ) को टिकिट को टिकिट देकर एक बार फिर इस समाज के वोट को अपनी तरफ आकर्षित करने की कोशिश करेगी ।
इन नामों की है चर्चा-खबर है कि भाजपा के पास मामा से बड़ा कोई धाकड़ प्रत्याशी हो ही नहीं सकता है और मामा यानी शिवराज सिंह भी धाकड़ ( किरार ) हैं और उनकी धर्म पत्नी किरार समाज की राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं ऐसे में पार्टी उनके नाम पर विचार कर सकती हैं, इसके अलावा एक और महिला डॉ सलोनी सिंह धाकड़ के नाम की चर्चा आजकल जोरों पर है ये नाम पोहरी विधानसभा से प्रबल दावेदार माना जा रहा था और खबर है कि आजकल वे भी भोपाल और दिल्ली दरबार में खूब मैराथन दौड़ कर रही हैं ,साथ ही हाल ही में एक और धाकड़ का नाम सामने आया है वो नाम है राधेश्याम धाकड़ का,ये कितने धाकड़ है इसका अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि राधेश्याम धाकड़ कोलारस उपचुनाव में खुले मंच से सिंधिया के हाथ काटने तक कि धमकी दे चुके हैं ।
अब देखना ये है कि नाम ( जाति ) से धाकड़ को पार्टी टिकिट देगी या फिर काम के धाकड़ को और नाम से धाकड़ कौन होगा ये आने वाला समय ही बता पायेगा ।
अब देखना ये है कि नाम ( जाति ) से धाकड़ को पार्टी टिकिट देगी या फिर काम के धाकड़ को और नाम से धाकड़ कौन होगा ये आने वाला समय ही बता पायेगा ।