राम नाम, काम व धाम को जीवन में उतारे :मुनिश्रीप्रवचन : प्रमाण सागरजी महाराज ने बताया राम के चरित्र को जीवन में धारण करना है तो-


सनावद-इस पृथ्वी पर जब जब आसुरी शक्ति का प्रादुर्भाव हुआ है तब तब दिव्य शक्ति को धारण करने वाले तीर्थंकरों और महान पुरुषों का जन्म हुआ है। भगवान ऋषभदेव, भगवान महावीर और मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का जन्म इस ही समय में हुआ था। त्रेता युग में जब राम हुए तब रावण भी हुआ। दोनों के जीवन चरित्र को जानकर हमें विचार करना चाहिए कि हमें रावण के चरित्र को ग्रहण करना है या श्री राम के। रावण के चरित्र को जानकार भी हम उसकी बुराइयों को नहीं छोड़ रहे हैं। यदि राम के चरित्र को जीवन में धारण करना है तो राम, नाम, काम और धाम इन चारों बातों को समझकर अंतर्मन में श्री राम के द्वारा बताए हुए मर्यादा में जीवन व्यतीत करने की सीख लेनी चाहिए।
शनिवार को श्रीराम नवमी के दिन जैन ग्राउंड पर श्री राम के जीवन चरित्र पर विशेष प्रकाश डालते हुए पूज्य मुनि श्री प्रमाण सागर जी महाराज ने यह बात कही। कृष्ण और शुक्ल पक्ष की चर्चा करते हुए आपने कृष्ण पक्ष को रावण और शुक्ल पक्ष को श्री राम का प्रतीक बताते हुए कहा कि जहां अधर्म अत्याचार और पाप होता है।
घटयात्रा  निकला जुलुस, किया ध्वजारोहण
डॉ. नरेंद्र जैन भारती व पवन जैन ने बताया आदिनाथ जिनालय की वेदी प्रतिष्ठा के तहत शनिवार को घट यात्रा जुलूस निकाला गया। जुलूस जैन मंदिर से जैन ग्राउंड तक निकाला गया। जिसमें महिलाएं सिर पर कलश धारण किए शामिल हुई। शनिवार को देव आज्ञा, गुरु आज्ञा, सकलीकरण, जाप, इंद्र प्रतिष्ठा, मंडप शुद्धि, पांडाल का ध्वजारोहण किया गया। 9 बजे के बाद अभिषेक, शांतिधारा, पूजन के बाद श्रीजी विराजमान करने के पात्र का चयन बोलियों लगाई गई। रोजाना 6.20 से 7.20 तक शंका समाधान कार्यक्रम किया जा रहा है।
       संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी

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