राजनीतिक हलचल- एक तरफ मध्यप्रदेश में सिंधिया के चेहरे के दाम पर कांग्रेस सरकार बनाने में कामयाब रही।गुना सीट से देरी क्षेत्र में जनता के बीच चर्चा का विषय बन गया है
वहीं दूसरी ओर प्रत्याशी चयन में पसीने छूट रहे हैं । मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस को नहीं फायर ब्रांड और युवा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को टारगेट किया था, इतना ही नहीं बाकायदा पार्टी ने सिंधिया को सामन्तवाद बताकर "माफ करो महाराज" कहकर प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में हाहाकार मचा रखी थी नतीजन ज्योतिरादित्य सिंधिया की लोकप्रियता बढ़ती गई और सूबे में जोड़ तोड़ कर कांग्रेस की सरकार बन गई ।
लेकिन सरकार बनाने के बाद भी मध्यप्रदेश के दिग्गज नेता वर्तमान सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया अपनी सीट को ही फाइनल नही कर सके। गुना या किसी और सीट से चुनाव लड़ेंगे, गुना सीट से भाजपा एव कांग्रेस दोनो ने अपने उम्मीदबार घोषित नही किए है सांसद सिंधिया इस सीट से भाजपा से भयभीत नजर आ रहे है
भाजपा ने भी अपनी रणनीति बनाकर सिंधिया को घिरने की तैयारी कर ली है
क्योंकि भाजपा गुना लोकसभा सीट पर सिंधिया को घेरने के लिए दिग्गज नेता को उतार सकती है
इस लिए कांग्रेस गुना सीट पर फैसला लेने में देरी सबसे बड़ा कारण हो सकता है
उधर बसपा प्रत्याशी ने अपने तूफानी जनसंपर्क से संसदीय क्षेत्र की गली गली नाप ली है । बसपा प्रत्याशी को भरपूर समर्थन भी मिल रहा है, लोकेंद्र सिंह नुक्कड़ सभाओं और जन चौपालों के माध्यम से लोगों को सामन्तवाद के खिलाफ लड़ने के लिए जागरूक कर रहे । सोशल मीडिया पर लोकेंद्र सिंह की आईटी सेल की काफी शक्रिय है, "माफ करो महाराज,वक़्त है बदलाव का" के माध्यम से सिंधिया पर तंज कसा जा रहा है । यही नहीं गुना संसदीय क्षेत्र की दुर्दशा को लोकेंद्र सिंह जनता को तुलनात्मक रूप से मतदाता को दिखाने की कोशिश कर रहे हैं तभी कि भाजपा प्रत्याशी घोषित होने के पूर्व ही सिंधिया को गुना पर गौर करना पड़ रहा है और उनका दर्द जुंबा पर आ रहा है कि इतना काम करने के बाद मैं शिवपुरी से हार क्यूँ जाता हूँ ।
वहीं दूसरी ओर प्रत्याशी चयन में पसीने छूट रहे हैं । मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस को नहीं फायर ब्रांड और युवा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को टारगेट किया था, इतना ही नहीं बाकायदा पार्टी ने सिंधिया को सामन्तवाद बताकर "माफ करो महाराज" कहकर प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में हाहाकार मचा रखी थी नतीजन ज्योतिरादित्य सिंधिया की लोकप्रियता बढ़ती गई और सूबे में जोड़ तोड़ कर कांग्रेस की सरकार बन गई ।
लेकिन सरकार बनाने के बाद भी मध्यप्रदेश के दिग्गज नेता वर्तमान सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया अपनी सीट को ही फाइनल नही कर सके। गुना या किसी और सीट से चुनाव लड़ेंगे, गुना सीट से भाजपा एव कांग्रेस दोनो ने अपने उम्मीदबार घोषित नही किए है सांसद सिंधिया इस सीट से भाजपा से भयभीत नजर आ रहे है
भाजपा ने भी अपनी रणनीति बनाकर सिंधिया को घिरने की तैयारी कर ली है
क्योंकि भाजपा गुना लोकसभा सीट पर सिंधिया को घेरने के लिए दिग्गज नेता को उतार सकती है
इस लिए कांग्रेस गुना सीट पर फैसला लेने में देरी सबसे बड़ा कारण हो सकता है
उधर बसपा प्रत्याशी ने अपने तूफानी जनसंपर्क से संसदीय क्षेत्र की गली गली नाप ली है । बसपा प्रत्याशी को भरपूर समर्थन भी मिल रहा है, लोकेंद्र सिंह नुक्कड़ सभाओं और जन चौपालों के माध्यम से लोगों को सामन्तवाद के खिलाफ लड़ने के लिए जागरूक कर रहे । सोशल मीडिया पर लोकेंद्र सिंह की आईटी सेल की काफी शक्रिय है, "माफ करो महाराज,वक़्त है बदलाव का" के माध्यम से सिंधिया पर तंज कसा जा रहा है । यही नहीं गुना संसदीय क्षेत्र की दुर्दशा को लोकेंद्र सिंह जनता को तुलनात्मक रूप से मतदाता को दिखाने की कोशिश कर रहे हैं तभी कि भाजपा प्रत्याशी घोषित होने के पूर्व ही सिंधिया को गुना पर गौर करना पड़ रहा है और उनका दर्द जुंबा पर आ रहा है कि इतना काम करने के बाद मैं शिवपुरी से हार क्यूँ जाता हूँ ।