काेटा-दादाबाड़ी नसियांजी में चल रहे जिनागम संस्कार शिविर में मंगलवार काे पं. श्री रतनलाल जी बेनाड़ा ने तत्वार्थ सूत्र का 8वां अध्याय कर्मों के बारे में बताया कि किन-किन कारणों से कर्मों का फल होता है। इसमें मिथ्या दर्शन, जीवों की हिंसा, झूठ से दूर रहने के बारे में जानकारी दी। इसमें हम अज्ञानता पूर्वक हित व अहित का ध्यान नहीं रखते। इससे मिथ्यादर्शन उत्पन्न हो जाता है। इसके अलावा ज्ञानावरण के 5 भेद मति श्रुतावधि, मन, पर्याय, केवला नाम के बारे में बताया।
प्रतिदिन क्रम से तत्वार्थ सूत्र पढ़ाया जा रहा है, बच्चों काे अलग-अलग प्रथम, द्वितीय भाग की कक्षाओं में पढ़ाया जा रहा है। शिक्षण शिविर में 12 वर्षीय कोर्स करने वाले लोग अलग से इष्टोपदेश व छह डाला का अध्ययन कर रहे हैं। प्रतिदिन कोटा के सभीसमाज जन बसों व स्वयं के साधनों से 7.30 बजे सुबह व सायं 7.30 शिविरार्थी पहुंच रहे है।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी
प्रतिदिन क्रम से तत्वार्थ सूत्र पढ़ाया जा रहा है, बच्चों काे अलग-अलग प्रथम, द्वितीय भाग की कक्षाओं में पढ़ाया जा रहा है। शिक्षण शिविर में 12 वर्षीय कोर्स करने वाले लोग अलग से इष्टोपदेश व छह डाला का अध्ययन कर रहे हैं। प्रतिदिन कोटा के सभीसमाज जन बसों व स्वयं के साधनों से 7.30 बजे सुबह व सायं 7.30 शिविरार्थी पहुंच रहे है।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी
