दमोह-उमामिस्त्री की तलैया प्रांगण में शुक्रवार से श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान का शुभारंभ हुआ। मुनिश्री विमल सागरजी, मुनिश्री अनंत सागरजी, मुनिश्री धर्म सागरजी, मुनिश्री अचल सागर जीऔर मुनिश्री भाव सागर जी महाराज के सानिध्य में श्री सिद्धचक्र सोलह मंडल विधान का का शुभारंभ सुबह घटयात्रा से हुआ। श्री दिगंबर जैन नन्हे मंदिर से घटयात्रा उमा मिस्त्री तलैया प्रांगण पहुंची। जहां मंडप शुद्धि के साथ विधान के महापात्रों का चयन किया गया।
इस मौके पर धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री विमलसागर जी महाराज ने कहा कि अनंतानंत सिद्ध परमेष्ठी कि आराधना प्रारंभ हो रही है। अहिंसा के लिए यह कार्यक्रम हो रहा है। गुरुदेव का आशीर्वाद बड़े परिश्रम के बाद मिलता है। गायों की रक्षा करने के लिए यह अनुष्ठान हो रहा है। यहां सिद्धो की आराधना तो करेंगे ही हजारों गायों को अभय दान दिया जाएगा। वैभव, धन चंचल है चित्त और वित्त दोनों चलायमान है। कीर्ति हमेशा जीवित रहने वाली है। यह कीर्ति भवो भवो तक चलती है। आप डरो नहीं कि गर्मी है उत्साह के साथ जो कार्य किया जाता है उसका विशेष फल मिलता है। भामाशाह में पूरा खजाना राजा को समर्पित कर दिया था।
मुनिश्री भावसागर जी ने कहा कि यह सिद्ध चक्र विधान ऐतिहासिक होगा। प्रभु की भक्ति करने का अवसर पुण्यशाली लोगों को प्राप्त होता है। जो इसमें शामिल नहीं होगा वह पछताएगा तपो में तपने का अवसर प्राप्त हो रहा है। केंद्र में सरकार बन गई अब हमें यहां पात्र चयन करके भगवान के दरबार में सरकार बनाना है। आपको बुद्धिमान बनना है शास्त्रों की विनय करे। श्री शांतिनाथ भगवान की बाद से धर्म अनवरत रूप से चल रहा है। 3 जून को भगवान शांतिनाथ के जन्म, तप, मोक्ष कल्याणक पर विशेष कार्यक्रम होगे। इस बार कुछ नया देखने को मिलेगा।
इस मौके पर तलैया प्रांगण में ध्वजारोहण, मण्डप शुद्धि, मण्डप प्रतिष्ठा इंद्र प्रतिष्ठा संपन्न हुई। निर्देशन पं. प्रदीप जैन ललितपुर, ब्रह्मचारी अंकित जैन के अलावा संगीतकार प्रथम जन का विशेष योगदान रहा। आज अभिषेक, शांतिधारा, पूजन, विधान मुनिश्री के प्रवचन होंगे। रात्रि में 8 बजे आरती होगी।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी
इस मौके पर धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री विमलसागर जी महाराज ने कहा कि अनंतानंत सिद्ध परमेष्ठी कि आराधना प्रारंभ हो रही है। अहिंसा के लिए यह कार्यक्रम हो रहा है। गुरुदेव का आशीर्वाद बड़े परिश्रम के बाद मिलता है। गायों की रक्षा करने के लिए यह अनुष्ठान हो रहा है। यहां सिद्धो की आराधना तो करेंगे ही हजारों गायों को अभय दान दिया जाएगा। वैभव, धन चंचल है चित्त और वित्त दोनों चलायमान है। कीर्ति हमेशा जीवित रहने वाली है। यह कीर्ति भवो भवो तक चलती है। आप डरो नहीं कि गर्मी है उत्साह के साथ जो कार्य किया जाता है उसका विशेष फल मिलता है। भामाशाह में पूरा खजाना राजा को समर्पित कर दिया था।
मुनिश्री भावसागर जी ने कहा कि यह सिद्ध चक्र विधान ऐतिहासिक होगा। प्रभु की भक्ति करने का अवसर पुण्यशाली लोगों को प्राप्त होता है। जो इसमें शामिल नहीं होगा वह पछताएगा तपो में तपने का अवसर प्राप्त हो रहा है। केंद्र में सरकार बन गई अब हमें यहां पात्र चयन करके भगवान के दरबार में सरकार बनाना है। आपको बुद्धिमान बनना है शास्त्रों की विनय करे। श्री शांतिनाथ भगवान की बाद से धर्म अनवरत रूप से चल रहा है। 3 जून को भगवान शांतिनाथ के जन्म, तप, मोक्ष कल्याणक पर विशेष कार्यक्रम होगे। इस बार कुछ नया देखने को मिलेगा।
इस मौके पर तलैया प्रांगण में ध्वजारोहण, मण्डप शुद्धि, मण्डप प्रतिष्ठा इंद्र प्रतिष्ठा संपन्न हुई। निर्देशन पं. प्रदीप जैन ललितपुर, ब्रह्मचारी अंकित जैन के अलावा संगीतकार प्रथम जन का विशेष योगदान रहा। आज अभिषेक, शांतिधारा, पूजन, विधान मुनिश्री के प्रवचन होंगे। रात्रि में 8 बजे आरती होगी।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी
