भोपाल- देश मे एग्जिट पोल के बाद मध्यप्रदेश की राजनीति में भूचाल सा आ गया है।मध्यप्रदेश में सरकार की बात करे तो सरकार दूसरे के सहारे आगे बढ़ रही है 114 के साथ 2 बीएसपी एव 1 सपा एव चार निर्दलीय के सहारे खड़ी है ।इसी बीच देश मे फिर से nda की सरकार बने की खबर के एग्जिट पोल के बाद लगातार राजनीतिक वाण दोनो तरह से चलने लगे है।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार को कहा कि विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने बिना किसी तथ्यों की जानकारी के मात्र अनुमान और कल्पना के आधार पर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को पत्र लिखा है। साथ ही कमलनाथ ने हर मुद्दे पर गोपाल भार्गव के सवालों का जवाब भी दिया है। कमलनाथ ने यह भी कहा है कि आपके मन में प्रश्न हों तो उसका समाधान करने में मुझे खुशी होगी।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार को कहा कि विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने बिना किसी तथ्यों की जानकारी के मात्र अनुमान और कल्पना के आधार पर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को पत्र लिखा है। साथ ही कमलनाथ ने हर मुद्दे पर गोपाल भार्गव के सवालों का जवाब भी दिया है। कमलनाथ ने यह भी कहा है कि आपके मन में प्रश्न हों तो उसका समाधान करने में मुझे खुशी होगी।
राज्यपाल को लिखे भार्गव के पत्र जिसकी प्रति उन्होंने कमलनाथ को भी भेजी थी, के उत्तर में मुख्यमंत्री ने भार्गव को पत्र लिखकर कहा, ‘स्पष्ट है कि आपने बिना किसी तथ्यों की जानकारी के मात्र अनुमान और कल्पना के आधार पर माननीय राज्यपाल महोदया को पत्र लिखा है। हम जनहित से जुड़े किसी भी मुद्दे पर चर्चा के लिए सदैव तैयार हैं। यदि शासन से जुड़ी हुई कोई भी शंका या प्रश्न आपके मन में हो तो उसका समाधान करने में मुझे खुशी होगी।’
कमलनाथ ने बताया- 73 दिन में पूरे किए 85 वादे
गोपाल भार्गव ने सोमवार को राज्यपाल को पत्र लिखकर तत्काल महत्व के मुद्दों पर बहस के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने के लिए सरकार को निर्देश देने की मांग की थी। कमलनाथ ने अपने उत्तर में भार्गव के हर उस मुद्दे पर उत्तर दिया है, जिसका भार्गव ने अपने पत्र में उल्लेख किया है। किसान ऋण माफी योजना पर मुख्यमंत्री ने कहा कि 10 मार्च 2019 को लोकसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने के पहले प्रदेश के 21 लाख से अधिक किसानों के फसल ऋण माफ कर दिए गए हैं।
गोपाल भार्गव ने सोमवार को राज्यपाल को पत्र लिखकर तत्काल महत्व के मुद्दों पर बहस के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने के लिए सरकार को निर्देश देने की मांग की थी। कमलनाथ ने अपने उत्तर में भार्गव के हर उस मुद्दे पर उत्तर दिया है, जिसका भार्गव ने अपने पत्र में उल्लेख किया है। किसान ऋण माफी योजना पर मुख्यमंत्री ने कहा कि 10 मार्च 2019 को लोकसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने के पहले प्रदेश के 21 लाख से अधिक किसानों के फसल ऋण माफ कर दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने आगे लिखा है, 'सत्ता में आने के बाद हमें 73 दिन काम के लिए मिले, इसमें हमनें कर्ज माफी सहित लोगों से किए गए अपने घोषणा पत्र के 85 वचनों को पूरा किया है। इसके अलावा प्रदेश के 11.06 लाख किसानों की 68 लाख टन फसल की खरीदकर उसका भुगतान सात दिन के अंदर किया गया है और संबल और अन्य योजनाएं पहले की तरह ही चल रही हैं।'
पिछली सरकार पर भी हमलावर हुए कमलनाथ
प्रदेश में कानून और व्यवस्था की स्थिति का हवाला देते हुए कमलनाथ ने कहा, 'यह पूरी तरह से नियंत्रण में है और यही कारण है कि पिछले चुनावों की तुलना में लोकसभा चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से हुए। हमने अपराध की घटनाओं पर भी तेजी से कार्रवाई की है।’ प्रदेश में पेयजल के संकट के मुद्दे पर कमलनाथ ने कहा कि यह कम बारिश होने के कारण कारण था और प्रदेश में 15 सालों में बीजेपी शासनकाल में यह और बढ़ा क्योंकि पिछली सरकार ने इसको हल करने के लिए कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया। इससे पहले दिन में प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में विधानसभा में अपनी सरकार की ताकत साबित करने के मुद्दे पर पत्रकारों से बात करते हुए कमलनाथ ने कहा कि यह पहले भी साबित कर चुके हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि लगभग 10 विधायकों (कांग्रेस के) ने उन्हें बताया है कि उन्हें पद और पैसे का लालच दिया गया था।
प्रदेश में कानून और व्यवस्था की स्थिति का हवाला देते हुए कमलनाथ ने कहा, 'यह पूरी तरह से नियंत्रण में है और यही कारण है कि पिछले चुनावों की तुलना में लोकसभा चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से हुए। हमने अपराध की घटनाओं पर भी तेजी से कार्रवाई की है।’ प्रदेश में पेयजल के संकट के मुद्दे पर कमलनाथ ने कहा कि यह कम बारिश होने के कारण कारण था और प्रदेश में 15 सालों में बीजेपी शासनकाल में यह और बढ़ा क्योंकि पिछली सरकार ने इसको हल करने के लिए कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया। इससे पहले दिन में प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में विधानसभा में अपनी सरकार की ताकत साबित करने के मुद्दे पर पत्रकारों से बात करते हुए कमलनाथ ने कहा कि यह पहले भी साबित कर चुके हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि लगभग 10 विधायकों (कांग्रेस के) ने उन्हें बताया है कि उन्हें पद और पैसे का लालच दिया गया था।
