कलिंजरा-अतिशय क्षेत्र अंदेश्वर से विहार कर आचार्य सुनील सागरजी महाराज का ससंघ सोमवार को कलिंजरा में मंगल प्रवेश हुआ। जैन समेत सर्व समाजजनों ने आचार्य की भव्य अगवानी की। इसके बाद शोभायात्रा के रूप में आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर ले गए, रास्ते में आचार्य का पाद प्रक्षालन किया गया। जैन मंदिर में आचार्य ससंघ ने भगवान आदिनाथ, चंद्रप्रभु, पार्श्वनाथ,व गोमटेश बाहुबली के दर्शन करने के बाद प्रवचन दिए। आचार्य ने कहा कि हर व्यक्ति परमात्मा है, अपने स्वरूप को पहचाने, सिद्ध भगवान का स्वरूप है, वही हमारा है। आत्मा का ध्यान करने मात्र से ही केवल्यज्ञान की प्राप्ति होती है, जन्म जन्म की प्यास जिनवाणी से ही मिट सकती है, जिनवाणी के वाचन से ही प्राप्य का राग छूटता है, व्यवस्था तो सभी ने बताई परन्तु अपनी आत्मा की आत्मानुभूति भगवान महावीर ने बताई, जीवन को संयमी बनाने के लिए प्रतिदिन स्वाध्याय करना चाहिए। स्वाध्याय करने से कुविचारों का गमन होता हैं, आचार्यश्री ने जल के लिए कहा कि पानी की बूंद बूंद बचाना चाहिए, पानी के लिए विवेक का उपयोग करना चाहिए।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी
