सागर -आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के 50वें संयम स्वर्ण महोत्सव के तहत भाग्योदय परिसर सागर में मुनिश्री अजित सागर जी महाराज के ससंघ सानिध्य में इन दिनों स्वर्णिम संयमोत्सव समय ज्ञान विद्या शिक्षण शिविर का आयोजन किया जा रहा है। 4 जून से 11 जून तक चल रहे इस शिविर में लगभग 1000 शिविरार्थी भाग ले रहे हैं।
सुबह 6:30 बजे से शुरू होने वाले इस शिविर में 550 बच्चे और 400 से अधिक महिला पुरुष शामिल हो रहे हैं। बच्चों को भाग 1,2,3 तथा बड़ों की छह ढाला और तत्वार्थ सूत्र की क्लास ली जा रही है। शिविर में बच्चों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बच्चों का कैसा आचरण हो, शाकाहारी कैसे बने, किस स्कूल में पढ़े, बच्चों को कैसी शिक्षा दें, कैसे समाज में एकता हो, धर्म के मार्ग पर कैसे चलें, बच्चों को कैसे संस्कार दिए जाएं। इसके साथ ही गुड टच और बैड टच के संदर्भ में भी महाराज द्वारा शिक्षा दी जा रही है। मिनरल वाटर अच्छा नहीं होता यह कारण सहित बताया जा रहा है। इस अवसर पर मुनिश्री ने अपने प्रवचनों में कहा कि पापों को नष्ट करना है, तो अपनी स्वयं की निंदा करना शुरू कर दो। अपनी आत्मा में लीन रहना होगा एवं क्रोध को जीतना होगा। इसके अलावा हर परिस्थिति में शांत रहना ही श्रेष्ठ है।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी
सुबह 6:30 बजे से शुरू होने वाले इस शिविर में 550 बच्चे और 400 से अधिक महिला पुरुष शामिल हो रहे हैं। बच्चों को भाग 1,2,3 तथा बड़ों की छह ढाला और तत्वार्थ सूत्र की क्लास ली जा रही है। शिविर में बच्चों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बच्चों का कैसा आचरण हो, शाकाहारी कैसे बने, किस स्कूल में पढ़े, बच्चों को कैसी शिक्षा दें, कैसे समाज में एकता हो, धर्म के मार्ग पर कैसे चलें, बच्चों को कैसे संस्कार दिए जाएं। इसके साथ ही गुड टच और बैड टच के संदर्भ में भी महाराज द्वारा शिक्षा दी जा रही है। मिनरल वाटर अच्छा नहीं होता यह कारण सहित बताया जा रहा है। इस अवसर पर मुनिश्री ने अपने प्रवचनों में कहा कि पापों को नष्ट करना है, तो अपनी स्वयं की निंदा करना शुरू कर दो। अपनी आत्मा में लीन रहना होगा एवं क्रोध को जीतना होगा। इसके अलावा हर परिस्थिति में शांत रहना ही श्रेष्ठ है।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी
