पूज्य गुरुदेव का राजमार्ग से हुआ मंगल विहार, 26 वर्ष बाद पहुंचेंगे तेंदूखेड़ा



अनिल बड़कुल की कमल से -परम पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ का मंगल विहार आज दोपहर हुआ।आज लगभग 9 किमी के पदविहार के बाद आचार्यसंघ का *रात्रि विश्राम ग्राम गुटोरी* में होगा। कल प्रातःकाल लगभग 8 किमी का मंगल विहार कर गुरुदेव *तेंदूखेड़ा पहुंचेंगे यही आहार चर्या* सम्पन्न होगी।_
तेन्दूखेड़ा में भारी उत्साह, रंगोली सजी, बंधे बन्दनबार-
तेन्दूखेड़ा निवासी, गुरुभक्त श्री महीष मोदी ने ए बी जैन न्यूज़ को बताया कि विगत 26 वर्ष पूज्य आचार्य भगवन का मंगल सानिध्य  मिला था तब से लगातार प्रतीक्षा के बाद अब यह मंगल सुअवसर हमे मिलने जा रहा है। आहट मिलते ही कई दिन पूर्व से पूज्य आचार्यश्री की अगवानी की तैयारियां शुरू हो गई थी पर आज राजमार्ग से तेन्दूखेड़ा दिशा पकड़ते ही उत्साह चरम पर पहुंच गया। पूरी नगरी को सजाया संवारा जा रहा है, आखिर हमारे भगवान जो आ रहे हैं।_
राजमार्ग से दिशा बदली, अब ये दिशा जाएगी किस ओर-राजमार्ग चौराहे से एक दिशा सागर तो दूजी नरसिंहपुर की ओर दिशा जाती हैं पर पूज्य गुरुदेव ने तीसरी दिशा तेन्दूखेड़ा मार्ग को चुना। ए बी जैन न्यूज़ के सूत्रों के अनुसार यह राष्ट्रीय राजमार्ग 12 है यहाँ से *देवरी, उदयपुरा, बरेली, बाडी, अब्दुल्लागंज होते हुए इंदौर या नेमावर का रास्ता जाता है।*  इसके अलावा तेन्दूखेड़ा से *गाडरवाड़ा, पिपरिया, होशंगाबाद, हरदा होकर नेमावर* मार्ग जाता है। अगर गुरुदेव को विदिशा की दिशा पसन्द आई तो तेन्दूखेड़ा से *उदयपुरा, सिलवानी, गैरतगंज होकर विदिशा* की राह पकड़ सकते हैं। सच तो यह है कि पूज्य गुरुदेव इस क्षेत्र के प्रखर भौगोलिक जानकार है बिना किसी से पूछे ही बस अपने कदम बढ़ाते जाते हैं उनके मन के आगे अच्छे अच्छो के गणित गड़बड़ा जाते हैं। इसलिए अपने गणित को अपने पास रखते हुए हम नज़र बनाये रखते हैं पूज्य गुरुदेव के अगले, बढ़ते कदमो की ओर जो किसी बिल्कुल *नई दिशा पर भी अचानक बढ़ सकते हैं।*

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