जबलपुर -आचार्य श्री विद्या सागर जी महाराज ने गुरु ज्ञान सागर जी महाराज के समाधी दिवस पर उन्हे स्मरण करते हुए कहा साल मे 365 दिन होते है, वो सारे के सारे दिन गुरु के होते है। कहा आज परम्परा से जिनको मानते है, उन गुरुजी के एक प्रकार से विसर्जन करने का दिन है। जिस साधना मे उन्होंने क्षीणतम काया का भी उपयोग करके, जो अनन्तकाल से भी मोह का उपयोग नही होना था, उसको एक प्रकार से क्षीणतर कर दिया है। आचार्य भगवन ने कहा ये और बात है कि पंचमकाल होने के कारण, समय अधिक न मिल पाने के कारण उन्हे शरीर से मुक्ति मिली हो या न मिली हो परन्तु अवश्य ही उन्होंने उसकी भूमिका बना दी है। उन्होंने अपने गुरु ज्ञान साग़र जी महाराज को स्मरण मे लाते हुए कहा भाव भीने उदगार प्रगट करते कहा जैसे किसान अपने खेत मे कार्य करता है, ठीक वैसे ही गुरुदेव ने कठिन साधना को भी कठिन नही माना
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमण्डी
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमण्डी
