योगेन्द्र जैन पोहरी। पोहरी थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत सोनीपुरा के माधौपुर आदिवासी बस्ती में रहने वाले करीब दो दर्जन आदिवासियों के साथ दो बाइक सवार युवकों ने आयुष्मान भार कार्ड बनाने के नाम पर धोखाधड़ी की है। ठगों ने फिंगर मशीन पर अंगूठा लगवाकर उनके खाते से हजारों रुपए निकाल लिए। पीडि़त ग्रामीणों ने इस बात की शिकायत पोहरी थाना पहुंचकर शिकायती आवेदन के माध्यम से की है।
जानकारी के अनुसार दो युवक बाइक पर सवार होकर आज सुबह 8 बजे माधौपुर पहुंचे और जहां उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि हमें शासन द्वारा नियुक्त कर भेजा है सभी लोगों का 5 लाख तक का फ्री इलाज हेतु आयुष्मान भारत कार्ड बनाया जाएगा। जिसके लिए आपकी बैंक पासबुक, आधार कार्ड की जरूरत होगी साथ ही फिंगर मशीन पर अंगूठा लगाना होगा। चूंकि ग्रामीण आदिवासी अनपढ़ थे इसलिए ठगों के मंसूबों को भांप नहीं पाए और उनके कहे अनुसार काम करते गए। इसके बाद ठगों ने ग्रामीणों से कहा कि आपका पंजीयन हो चुका है और एक माह में आपके कार्ड बनकर आपके घर आ जाएंगे। जिसके माध्यम से आप गंभीर बीमारियों का पांच लाख तक का फ्री इलाज करा सकते हैं।
जानकारी के अनुसार दो युवक बाइक पर सवार होकर आज सुबह 8 बजे माधौपुर पहुंचे और जहां उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि हमें शासन द्वारा नियुक्त कर भेजा है सभी लोगों का 5 लाख तक का फ्री इलाज हेतु आयुष्मान भारत कार्ड बनाया जाएगा। जिसके लिए आपकी बैंक पासबुक, आधार कार्ड की जरूरत होगी साथ ही फिंगर मशीन पर अंगूठा लगाना होगा। चूंकि ग्रामीण आदिवासी अनपढ़ थे इसलिए ठगों के मंसूबों को भांप नहीं पाए और उनके कहे अनुसार काम करते गए। इसके बाद ठगों ने ग्रामीणों से कहा कि आपका पंजीयन हो चुका है और एक माह में आपके कार्ड बनकर आपके घर आ जाएंगे। जिसके माध्यम से आप गंभीर बीमारियों का पांच लाख तक का फ्री इलाज करा सकते हैं।
फ्री के लालच में फंसे ग्रामीण -ग्रामीणों ने खुद बताया कि आयुष्मान कार्ड बनवाने के ऐवज बाजार में 40 से 50 रुपए लगते हैं और ठग फ्री में कार्ड बना रहे थे इसलिए लालच में आकर 20 से 25 लोगों ने अपने कार्ड बनवाए और इसी लालच में आकर ग्रामीणों को अपनी गाढ़े मेहनत की कमाई से हाथ धोना पड़ा।
ठगी का ऐसे हुआ खुलासा -आयुष्मान कार्ड बनवाने वालों में गजनलाल आदिवासी भी शामिल था। आज दिन में वह बैंक से पैसे निकालने के लिए बैंक पहुंचा और उसने अपनी पासबुक में एंट्री कराई तो देखकर उसके होश उड़ गए क्योंकि उसके खाते से 10 हजार रुपए निकाले जा चुके थे। इसके बाद यह बात उसने गांव में आकर बताई तो सभी लोगों ने अपने खाते चैक कराए तो सभी के खातों से पैसे आहरण कर लिया गया। लोगों ने अपने स्तर से ठगों की तलाश की, लेकिन कहीं कोई सुराग नहीं लगा।
इनके खातों से निकाले रुपए -जिनके खातों से पैसे निकाले गए हैं उनमें गजनलाल आदिवासी के 10 हजार, पारवती आदिवासी के 4700 रुपए, सुनीता आदिवासी के खाते से 1000, राधेश्याम आदिवासी के खाते से 5000, मायावती आदिवासी के खाते से 2000, शिवचरण आदिवासी के खाते से 3000, दक्खो आदिवासी के 500, असर्फी आदिवासी के 300, मीरा के 500, पिस्ता आदिवासी के 190 रुपए सहित मिश्री, कला, रंगवेल, खचेरा, गौरी, विन्द्र, भरोसी, रामश्री, जम्मे, श्रीवती, राजाराम आदिवासी आदि शामिल हैं।
सिम बेचने के नाम हो चुकी है लाखों की ठगी -पोहरी क्षेत्र में पूर्व में सिम बेचने के नाम पर लोगों के साथ लाखों की ठगी हो चुकी है। इस दौरान सैंकड़ों की संख्या में ग्रामीण ठगी का शिकार हो चुके हैं। ठगों ने भीम ऐप के माध्यम से लोगों के खातों से पैसों का आहरण किया गया। चूंकि यहां बता दें कि सरकार द्वारा खातों को आधार कार्ड से लिंक कराया गया है और आधार से लिंक होने के कारण फिंगर फ्रिंट के माध्यम से शातिर ठग लोगों के खातों से रुपए निकाल लेते हैं।
इनका कहना है
ग्रामीणों द्वारा शिकायती आवेदन दिया गया है। मामले की जांच की जाएगी और इसके बाद दोषियों के खिलाफ उचित कार्यवाही करेंगे।
देशबंधु सिंह तोमर
थाना प्रभारी पोहरी
ग्रामीणों द्वारा शिकायती आवेदन दिया गया है। मामले की जांच की जाएगी और इसके बाद दोषियों के खिलाफ उचित कार्यवाही करेंगे।
देशबंधु सिंह तोमर
थाना प्रभारी पोहरी
