वीरोदय पहुंचे भगवान आदिनाथ,108 द्वारों पर अगवानी, घर-घर दीप जलाए, दिवाली जैसा जश्न



बड़ाेदिया-शनिवार का दिन वागड़ के जैन समाज के लिए दिवाली से कम नहीं था, क्याेंकि वागड़ की इसी पुण्य धरा के वीरोदय तीर्थ क्षेत्र में भगवान आदिनाथजी का आगमन हुआ। शनिवार सुबह भीलवाड़ा से संकल्पपूवर्क  युवा सुसज्जित वाहन में भगवान की प्रतिमा लेकर बांसवाड़ा पहुंचे तो समाजजनों की आंखें भर आई। खुशी और अपार उत्साह में श्रद्धालुओं ने सबसे पहले भगवान की पूजन कर अर्घ्य चढ़ाए।
डायलाब से शुरू हुई शोभायात्रा ने शहर की मोहन कॉलोनी, एमजी अस्पताल चौराहा, जवाहर पुल, कुशलबाग मैदान, पुराना बसस्टैंड, कस्टम चौराहा, कॉमर्शियल कॉलोनी, बाहुबली कॉलोनी, खांदू कॉलोनी, सिंटेक्स के सामने, नाका, त्रिपुरा कॉलोनी, ठीकरिया होते हुए वीरोदय पहुंची। शोभायात्रा का 7 किमी की दूरी में 108 स्वागत और तोरण द्वार बनाकर अगवानी की गई। इससे पहले प्रतापगढ़, पीपलखूंट, सेनावासा, घाटोल, सेनावासा में बड़े बाबा की भव्य अगवानी की गई।समाजजनों ने भगवान आदिनाथ के आगमन में घर-घर दीप जलाकर दिवाली जैसा माहौल कर दिया। इससे पहले भीलवाड़ा में मूलनायक भगवान आदिनाथ की प्रतिमा का वागड़ से गए युवाओं ने जलाभिषेक किया और मुनि पुंगव सुधासागरजी महाराज का आशीर्वाद लिया। वहां मुनि श्री  सुधासागरजी महाराज  ने कहा कि जैसे ही प्रतिमा वीरोदय में विराजमान होगी, पूरा वागड़ मालामाल हो जाएगा। इतने वचन सुनते ही श्रद्धालु झूमने लगे और श्रीजी के जयकारे लगाते हुए वहां से विदाई ली।
पूजन के लिए दिखी होड़
निर्माणाधीन वीरोदय तीर्थ क्षेत्र पर स्थापित होने वाले मूलनायक भगवान आदिनाथ की चतुर्थकालीन स्वरूप दिखने वाली प्रतिमा जिसकी जटाएं, आभा स्वत: प्रदर्शित करती है कि चतुर्थकालीन समय में भगवान का स्वरूप ऐसा था। ऐसी भव्य प्रतिमा का जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालुओं ने अपने कलश बुक कराए हैं। जो रविवार सुबह से शाम तक भगवान आदिनाथ की प्रतिमा पर 1008 कलशों से जलाभिषेक करेंगे।
बांसवाड़ा. डायलाब से शुरू हुई शोभायात्रा मोहन कॉलोनी, पुराना बस स्टैंड से होते हुए वीरोदय पहुंची। यहां पर प्रतिमा को क्रेन से उतारा गया। रविवार को प्रतिमा की स्थापना की जाएगी।
देखत.. देखत.. अंखिया तरस गई... गीत गाकर प्रभु की अगवानी की
आचार्य विद्यासागरजी के शिष्य मुनि पुंगव सुधा सागरजी महाराज की प्रेरणा और उनके द्वारा प्रतिष्ठित की गई सबसे सुंदर और आकर्षक प्रतिमा के दर्शन करने के लिए जैन समाजजन टकटकी लगाए खड़े थे। महिलाओं ने देखत देखत अखियां तरह गई भक्ति गीत गाकर अपने आराध्य देव की अगवानी की। पीपलखूंट और घाटोल में भगवान की पूजन कर अर्घ्य चढ़ाए। शोभायात्रा के आगे महिला पुरुष गरबा और भक्ति नृत्य कर रहे थे। सेनावासा होते हुए शोभायात्रा डायलाब पहुंची तो आचार्य विद्या सागर परिवार बाहुबली कॉलोनी, वीरोदय तीर्थ क्षेत्र कमेटी के सदस्यों व पूरे वागड़ के श्रद्धालुओं ने भव्य अगवानी की। शोभा यात्रा में 247 दुपहिया वाहन और 45 चार पहिया वाहन साथ चल रहे थे।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी

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