चौदह पिच्छीधारी मुनि संघ के नगर आगमन पर हुई भव्य अगवानी,



दमोह-सोमवार की सुबह शहर में चौदह पिच्छीधारी दिगंबर बीतरागी संतों का शुभ आगमन हुआ। जिनकी जैन समाज द्वारा सागर नाका पर भव्य अगवानी की गई। आचार्य विद्यासागर महाराज के परम प्रभावक ज्येष्ठ व श्रेष्ठ शिष्य मुनिश्री समय सागर जी  महाराज ससंघ सागर नाका स्थित सदगुंवा जैन मंदिर पहुंचे। इस दौरान सबसे आगे धर्म पताकाएं लिए युवा चल रहे थे, तो वहीं दिव्य घोषणाें की उमंग पैदा करने वाली संगीतमय धुनों के साथ अनेक महिला, पुरूष, युवक-युवतियों और बाल गोपाल सहित समाज के श्रेष्ठ जनाें सहित समस्त संप्रदाय के धर्मावलंबियों ने हाथ जोड़कर और पैर छूकर नमोस्तु के बार-बार उच्चारण के साथ नाचते-गाते हुए गुरूजनों की मंगल अगवानी की। इसके बाद प्रभातफरेी सदगुंवा जैन मंदिर से शुरू हुई, जो तीन गुल्ली चौराहा पहुंची, यहां मलैया मिली मंदिर के दर्शन किए। यहां पर पूर्व मंत्री जयंत मलैया ने सपरिवार मुनिराज के चरण पखारे और आर्शीवाद लिया। इसके बाद जुलूस स्टेशन चौराहा, राय चौराहा, घंटाघर होता हुआ श्री दिगंबर जैन पलंदी मंदिर पहुंचा। पूरे मुनिराज संघ ने भगवान चंद्रभु, भगवान महावीर स्वामी, भगवान पार्श्वनाथ के दर्शन कर बड़े हर्ष भाव से भर गए। शहर भ्रमण के दौरान जगह-जगह रंगोली, आरती व कलश सजाए गए। इस दौरान जिस-जिस रास्ते से मुनिसंघ गुजरा, वह रास्ता जयकारों के नारों से गुंजायमान होता रहा।
गुरु चरणों में मन लगाना हो तो नेमावर तीर्थ जाओ, प्रभु चरण में मन लगाना है तो कुंडलपुर तीर्थ जाओ: मुनिश्री समय सागर जी
इस मौके पर धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनिश्री समय सागर जी  महाराज ने अपने आर्शीवचनों में कहा कि गुरू चरणों में मन लगाना हो तो नेमावर तीर्थ जाओ और यदि प्रभु चरणों में मन लगाना हो तो कुंडलपुर तीर्थ जाओ। उन्होंने कहा कि आप लोगों को मोह का दमन करना है। आप भी वीतरागी हैं। आप लोग आत्मा से राग नहीं करते, हम लोग भी वीतरागी हैं, हम लोग शरीर से राग नहीं करते।
      संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी

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