गोटेगांव -आर्यिका श्री पूर्णमति माताजी ने अपने मांगलिक उदबोधन में कहा आज हमने भगवान को दिनों से जोड़ दिया है। भगवान भी अलग"-अलग है क्या सभी भगवान समान होते है। हमें भगवान को दिनों से नही जोड़ना है बल्कि स्वय को भगवान से जोड़ना है।आर्यिका माताजी ने कहा जिन्हे धर्म की प्यास रहती है वह कही न कही धर्म प्राप्त कर ही लेता है। उन्होंने कहा परमुखी दृष्टि दुख देती है और स्वमुखी दृष्टि सुख प्रदान करती है। उन्होंने मार्मिक शब्दो मैं कहा आज न तो सामूहिक भोजन का चलन है और न ही पूजन का। सभी ने अपने अपने भगवान बाट लिये है।
अपने अंदर से विकारों को हटाये
आर्यिका माताजी ने उदघोष करते कहा सुख आपके अंदर ही है लेकिन तुमने उसको बन्द करके रखा है। अपने अंदर के विकारों को अलग कर दो तो आपके अंदर भगवान का स्वरुप प्रगट हो जायेगा।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी
अपने अंदर से विकारों को हटाये
आर्यिका माताजी ने उदघोष करते कहा सुख आपके अंदर ही है लेकिन तुमने उसको बन्द करके रखा है। अपने अंदर के विकारों को अलग कर दो तो आपके अंदर भगवान का स्वरुप प्रगट हो जायेगा।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी