सांगवाड़ा-जीवन में जब भी कोई असफलता मिलती है तो वह भी बहुत कुछ सिखा कर जाती है। जो अपनी असफलता से सीख ले लेता है वो जीवन में दुबारा कभी असफल नहीं होता। यह बात आचार्य सुनीलसागरजी महाराज ने ऋषभ वाटिका में शनिवार को कही। आचार्य ने कहा कि सोने में चमक आती है तप जाने के बाद, मेहंदी में चमक आती है घिस जाने के बाद और आदमी में समझ आती ठोकर खाने के बाद। आचार्य ने इंसान की फितरत के बारे में बताते हुए कहा कि दुख आता है तब हमें भगवान याद आते है। दुख में सुमिरन सब करे, सुख में करे न कोय, जो सुख में सुमिरन करे तो दुख काहे को होय। संत कबीर के दोहे के माध्यम से आचार्य ने कहा कि सुख में भी भगवान को भूलोगे नहीं तो दुख कभी नहीं आएगा। आचार्य ने कहा कि दुख के समय जब रिश्तेदार साथ छोड़ देते हैं आचार्य ने पहले और दूसरे विश्व युद्ध का कारण भी द्वेष और ईर्ष्या बताते हुए कहा कि द्वेष और ईर्ष्या अपनी तरक्की और उन्नति में बाधक है। दूसरों से ईर्ष्या करने के लिए समय ही ना मिले, अगर ये कर लिया तो आपसे ईर्ष्या करने वाला आपके कदमों में झुकेगा।
खुशी और परेशानी जीवन के दो पहलू हैं सुधीरसागर जी महाराज
इससे पूर्व मुनिश्री सुधीरसागर जी महाराज ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि खुशी और परेशानी जीवन के दो पहलू हैं। जब खुशी मनाने के लिए समय निकालते हो तो परेशानी को भोगने के लिए भी समय निकालो। जब व्यक्ति के स्वाभिमान को ठेस लगती है तो उसे कुछ दिखाई नहीं देता, वह विवेक शुन्य हो जाता है। आचार्य ने व्यवहारिक जीवन से जुड़ी कई बातें बताई। मुसीबत आती है तो अपने-पराए की पहचान हो जाती है। साधन के बिना भी सुख भोगा जा सकता है और कभी-कभी साधन होते हुए भी दुख भोगना पड़ता है।
आदिनाथ भगवान और नंदीश्वर द्वीप प्रतिमा का महाभिषेक व महाशांतिधारा की : सकल दिगम्बर जैन समाज सागवाड़ा की ओर से अष्टान्हिका महापर्व के पांचवे दिन के अनुष्ठान हुए। आचार्य संघ के सानिध्य में प्रतिष्ठाचार्य विनोद पगारिया विरल के मंत्रोच्चार के साथ नंदीश्वर द्वीप महामंडल विधान के तहत आदिनाथ भगवान और नंदीश्वर द्वीप प्रतिमा का महाभिषेक व महाशांतिधारा की गई।
चातुर्मास मंगल कलश स्थापना समारोह आज :
सकल दिगंबर जैन समाज के सेठ दिलीप नोगामिया और चातुर्मास कमेटी अध्यक्ष नरेंद्र शाह ने बताया कि आचार्य सुनील सागरजी महाराज ससंघ का चातुर्मास कलश स्थापना समारोह रविवार को दोपहर में सन्मति समवशरण सभागार में होगा। इससे पूर्व जैन बोर्डिंग से संघ के सानिध्य में गाजे-बाजों के साथ कलशों को शोभायात्रा के रूप मे कार्यक्रम स्थल पर लाया जाएगा। जहां कलश स्थापना कर्ता सौभाग्य शाली पात्रों का चयन होगा।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी