आचार्य श्री ज्ञान सूर्य का एक छोटा सा दीपक हु आपके पास लेकर आयी हु पूर्णमति माताजी


गोटेगांव -स्वर कोकिला आर्यिका श्री पूर्णमति माताजी ने कहा समूचे सूर्य को मैं अपने हाथों में समा सकू इतना सामर्थ्य मुझमे नही लेकिन आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ज्ञान सूर्य का एक छोटा सा दीपक आपके पास लेकर आई हूं। उन्होंने कहा गुरुदेव की कृपा से इतनी क्षमता लेकर आई हूं कि आप सभी को गुरुदेव के चरणों तक पहुँचा सकू।
अध्यात्म को आत्मसात करे
आर्यिका माताजी ने मूकमाटी काव्य की पंक्तिया सुनाई और कहा कि जीवन जब तक सलामत है जब तक आप गुरु चरणों मे समर्पित है। भाव भीने शब्दो में कहा गुरुदेव के आशीर्वाद से आपके इस गोटेगांव में आई हूं। कहा अध्यात्म को आत्मसात करे जो आपके जीवन को परिवर्तित करने का माध्यम बनेगा। अपनी चेतना को जाग्रत करे और दो घड़ी निकालकर अवश्य आए ताकि जो कुछ भी लेकर आई  हूं वह आपको दे सकू।
  संकलन अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजममण्डी

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