गोटेगांव-स्वरकोकिला आर्यिका श्री पूर्णमति माताजी ने गुरु पूर्णिमा पर गुरु का महत्व बताते हुए कहा जो गुरु आपसे धन -दौलत नही चाहते सिर्फ आपके विकारों को दूर करते है। कहा एक गंगा के समान जो द्वार द्वार कचरा बहाकर ले जाती है। उसी तरह गुरु भी आपके अंदर के सभी विकारों को निकाल देते है। उन्होंने मार्मिक उद्घोष करते कहा माँ तो सिर्फ जन्म देती है पर जो अंदर चेतना को जाग्रत कर दे उसे पूर्णिमा यानी पूर्ण माँ कहते है। जिन्हे सारा जगत गुरु के नाम से जानता है क्योंकि साधु बनने के लिये भी साधु की जरूरत होती है। कहा इस संसार मे गुरु से बड़ा कोई नही है। भगवान तो कुछ बोलेगे नही गुरु ही है जो हमे सन्मार्ग दिखाते है। जिससे हमारे जीवन का रूपांतरण होता है। अंत में उन्होंने कहा अंदर से गुरु के प्रति भक्ति बनी रहे यही हमारी भावना है,कहा गुरु नही तो जीवन गुरु नही।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी