महाराजजी ने बच्चों के माता-पिता से कहा कि बचपन के संस्कार बहुत महत्व के होते है, जो आगे जाकर एक मिसाल के रूप होते हैं समता सागर जी



घाटोल-आचार्य श्री  विद्या सागरजी महाराज के शिष्य मुनि श्री समता सागरजी और ऐलक श्रीनिश्चय सागरजी महाराज के सान्निध्य में रविवार को घाटोल के वासुपूज्य दिगंबर जैन बावन डेरी मंदिर में पाठशाला के बच्चों का मंत्रोच्चारण कराया गया, साथ ही सामूहिक अभिषेक और पूजन रखी गई। इसमें बच्चों को पूजा के मंत्रों का उच्चारण व अष्ट द्रव्यों की जानकारी दी। बच्चों ने मुनि श्री  समता सागरजी महाराज  से छोटे छोटे नियम लिए। सभी बच्चों ने रात को अन्न की वस्तु खाने का निषेध किया। साथ ही हर रविवार को मंदिर और रोज शाम को पाठशाल आने का नियम लिया। महाराज जी ने बच्चों के माता-पिता से कहा कि बचपन के संस्कार बहुत महत्व के होते है, जो आगे जाकर एक मिसाल के रूप होते हैं।  यह जानकारी अंकेश सेठ ने दी।
     संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी

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