मनुष्य जीवन दुर्लभ है, इसे मौज-मस्ती में नहीं गवांकर जीवन के रहस्य को समझना चाहिए। विशुद्धमति माताजी



सवाईमाधोपुर-दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र चमत्कारजी आलनपुर में ससंघ वर्षायोग कर रही गिरनार गौरव आचार्य निर्मल सागरजी महाराज की शिष्या भारत गौरव  गणिनी आर्यिका विशुद्धमति माताजी ने धर्म चर्चा के दौरान कहा कि मनुष्य जीवन दुर्लभ है, इसे मौज-मस्ती में नहीं गवांकर जीवन के रहस्य को समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि भगवान की भक्ति, जिनवाणी पर श्रद्धान और गुरूओं की संगति करने से मनुष्य संसार रूपी सागर से पार हो सकता है यह जानकारी वर्षायोग समिति के प्रवक्ता प्रवीण कुमार जैन ने दी
        संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी

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