मधुबन -मधुबन स्थित निहारिका परिसर में विराजमान चरित्र चक्रवर्ती आचार्य शांति सागर जी महाराज के मूल परंपरा के सप्तम पट्टचार्य आचार्यश्री 108 अनेकांत सागर जी महाराज ने स्वतंत्रता दिवस के पूर्व उपस्थित श्रद्धालुओं को देश हित में मंगल प्रवचन सुनाया। स्वतंत्रता व स्वछंदता में अंतर बताते हुए आचार्य कहते हैं स्वतंत्र भारत के हम नागरिक हैं परंतु नैतिकता, सदाचारिता, धार्मिकता से स्वछंद हो गए हैं। इसलिए देश वासियों में सुख शांति और सौहार्द्र की भावना लुप्त होती जा रही है। महाराणा प्रताप जैसी देशभक्ति, भामाशाह जैसा देश के प्रति त्याग, चंदशेखर आजाद जैसा देश के लिए समर्पण की भावना जिस दिन देशवासियों के जागृत हो जाए उस दिन भारत विश्व गुरु हो जाएगा।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी

